कहते हैं कुछ करने का ठान लो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता और कुछ करने का जज़्बा हो तो हर काम आसानी से हो जाता है। ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला है, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सटई थाना क्षेत्र के ग्राम गुड़पारा में। इस गाँव में स्कूल तक जाने के लिए कोई सड़क नहीं थी और कच्चे रास्ते पर पूरी तरह से पानी भर चुका था। 3 किलोमीटर दूर स्कूल का सफर इन बच्चों को 15 किलोमीटर की दूरी के साथ तय करना पड़ रहा था। क्योंकि यह बच्चे मेन रास्ता न लेकर दूसरी रोड लेते थे, इसलिए लंबी दूरी के चलते कई बार हफ़्तों इन्हें स्कूल छोड़ना भी पड़ता था।
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ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से पुल बनवाने की, रोड बनवाने की मांग की लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद से बांस का पुल बनाने का फैसला किया।
समाजसेवक देवदीन कुशवाहा ने ग्रामीणों की टोली इकट्ठा करी और 10 दिन के अंदर इस पुल को तैयार करवाया। जब से यह पुल तैयार हुआ है तब से ग्रामीणों और खासकर स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को काफी सहूलियत हो गई है।
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बच्चों का कहना है कि पहले ये लोग घूम के स्कूल जाया करते थे लेकिन पुल बनने से इन्हें बहुत फायदा हो गया है। ये बच्चे यह भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द पक्का पुल या सड़क भी बन जाए क्यूंकि फिलहाल बनाया गया पुल बांस का है जिससे किसी भी तरह के हादसे का भी डर है। लेकिन अगर पक्का पुल या सड़क बन जाती है तो फिर किसी भी हादसे की आशंका नहीं रेहगी।
जिला पंचायत सीईओ सैयद मज़हर अली का कहना है कि वो भी पुल का निरीक्षण करने गए थे, जिसके बाद उन्होंने विभाग में बजट बना कर भी भेज दिया है। जल्द से जल्द अब पक्का पुल बन जाने की उम्मीद है।
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