खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए छपाक: दर्द ही नहीं हौसले की कहानी देखिए फिल्म रिव्यु में

छपाक: दर्द ही नहीं हौसले की कहानी देखिए फिल्म रिव्यु में

कोई चेहरा मिटा के और आंख से हटा के चंद छींटे उड़ा के जो गया छपाक से पहचान ले गया, इस गाने के बोल में जितना दर्द है उससे कही ज्यादा दर्द उस लड़की की जिंदगी में होगा जिस पर ऐसिड फेका गया है. शायद उस दर्द का हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते अब तक तो आप समझ ही चुके होंगे की आज मैं बात करने वाली हूँ 10 जनवरी को रिलीज़ हुई फिल्म छपाक की. हैल्लो दोस्तों मैं हूँ लक्ष्मी शर्मा तो आज हम बात करेंगे

दीपिका पादुकोण द्वारा अभिनीत फिल्म छपाक की फिल्म ऐसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर बनी है. वैसे तो लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी सबको पता है लेकिन फिल्म के बारे में मैं फिर भी थोड़ा बता दे रही हूँ फिल्म में मज़बूरी और लाचारी नहीं बल्कि हिम्मत और हौसले को दिखाया गया है इस फिल्म में में बोलै गया डायलॉग उसने मेरा चेहरा बदला है दिल नहीं फिल्म की कहानी पर फिट बैठती है निर्भया कांड के बाद जो प्रदर्शन हो रहे होते है उसी दौरान एक पत्रकार ऐसिड सर्वाइवर मालती यानी दीपिका पादुकोण का इंटरव्यू करने का सोचती है और मालती को ढूंढ निकालती है

उसके बाद कहानी की परतें खुलती हैं। मालती नौकरी की तलाश में है, लेकिन तेज़ाब से जले चेहरे की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल पाती फिर मालती ऐसिड सर्वाइवर्स के लिए काम करनेवाले एनजीओ से जुड़ती है, जहां मालती एनजीओ के कर्ता-धर्ता अमोल यानी विक्रांत मेसी से मिलती है। उसके बाद तेजाबी हमले की शिकार दूसरी लड़कियों के जरिए मालती की कहानी सामने आती है। 19 साल की खूबसूरत और हंसमुख मालती सिंगर बनने के सपने देख रही, मगर बशीर खान उर्फ बबू द्वारा किए गए अमानुषी एसिड अटैक के बाद उसकी जिंदगी पहले जैसे कभी नहीं रह पाती।गुड न्यूज़ फिल्म रिव्यू : गुड न्यूज़ ने धमाल मचा दिया

घर में टीवी की बीमारी से ग्रसित भाई, आर्थिक तंगी से जूझते माता-पिता और उसमें मालती की अनगिनत सर्जरी के बीच पुलिस इन्वेस्टिगेशन और कोर्ट-कचहरी के चक्कर। तेजाबी हमले के बाद कुरूप हुए चेहरे और समाज के तमाम ताने-उलाहनों और तिरस्कार के बीच एक चीज नहीं बदलती और वह होता है, परिवार का सपॉर्ट और वकील अर्चना का मालती को इंसाफ दिलाने का जज्बा। अर्चना की प्रेरणा से ही वह ऐसिड को बैन किए जाने की याचिका दायर करती है। इस सफर में मालती का चेहरा भले ही छीन लिया जाता हो, मगर उसकी मुस्कान कोई नहीं छीन पाता।

फिल्म की ताकत जहां दिल छू लेने वाली इसकी कहानी है तो इसी इमोशनल कहानी को पॉवरफुल अंदाज में पेश करने वाली दीपिका पादुकोण की एक्टिंग इसकी जान है. दीपिका ने बहुत ही मजबूती के साथ मालती के कैरेक्टर को परदे पर जिया है, और मालती की जिंदगी की हर बारीकी को पकड़ने की कोशिश की है. फिर वह चाहे मालती का दर्द हो, खुशी हो या कोर्ट कचहरी या जिंदगी की जंग दीपिका ने दिल जीता है. विक्रांत मैसी ने भी दीपिका का अच्छा साथ दिया है. फिल्म में दमदार डायलॉग है जो पुरे शरीर में सिहरन देती है. इस फिल्म को काफी लोगों ने भी पसंद किया है तो हमारी तरफ से इस फिल्म को मिलते है 5 में से 3 .5 स्टार तो आपको हमारा ये एपिसोड कैसा लगा हमें जरूर से बताएं हमारे वीडियो को लाइक और सेयर जरूर करें तो मिलते है अगले एपिसोड में तब तक के लिए नमस्कार