छतरपुर ज़िले के बरायचखेरा गाँव में ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। ग्रामीण का कहना है कि गाँव में एक भी परिवार ऐसा नहीं है जिसे जो सरकारी आवास मिला हो। गाँव में सभी लोग पन्नी डालकर रहते हैं, या फिर कच्चे मकानों में रहते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि जब तेज़ बरसात होती है तो लोगों के घर ढह जाते हैं। पिछली बरसात के दौरान भी कई घर उजड़ गए थे और परिवारों को आर्थिक नुकसान भी हुआ था।
लोगों ने आवास की मांग प्रशासन से भी की और विभाग जाकर भी कई बार आवास की क़िस्त के लिए फॉर्म भरा, लेकिन लगभग 2 हज़ार की आबादी वाले इस गाँव में अबतक लोगों को आवास नहीं मिला है।
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ग्रामीण अब चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द आवास मिल जाए ताकि बरसात आदि के मौसम में उन्हें परेशानी न हो। इंदिरा गाँधी आवास योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में सरकार ग्रामीणों को घर बनाने के लिए 2.50 लाख रूपए देती है। सरकार का दावा है कि साल 2014 से अभी तक इंदिरा आवास के तहत प्रदेश में 4 लाख 58 हजार घर बनाए गए हैं। लेकिन इन आंकड़ों के बावजूद भी बरायचखेरा गाँव इस योजना के लाभ से वंचित है।
छतरपुर ज़िले के उपयुक्त विकास अधिकारी सैयद मज़हर अली का कहना है कि गाँव में कई लोगों को आवास मिला है। ग्रामीणों द्वारा बताई गई सभी दिक्कतों को उन्हें गलत बताया है। उनके अनुसार जिस-जिस व्यक्ति का आवास मिलने की सूची में नाम था, उन्हें आवास दे दिया गया है।