छतरपुर जिले के पन्ना रोड स्थित गठेवरा गांव की 14 साल की कविता यादव चार साल से दूध का व्यापार कर अपने 9 सदस्यीय परिवार का भरण पोषण कर रही है। कविता ने 4 साल पहले साइकिल के माध्यम से पठापुर रोड स्थित बालाजीपुरम कॉलोनी से घर-घर पहुंचकर दूध बेचने का कार्य शुरू किया। अब गठेवरा गांव से बाइक पर सवार होकर शहर आती है और प्रतिदिन 110 लीटर दूध शहर में सप्लाई करती है।
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स्कूल न जाने से पढ़ाई हो रही प्रभावित
कविता ने बताया कि चार साल पहले उसके पिता पठापुर गांव का एक खेत बटाई पर लिया था। उस दौरान वह स्वयं की भैंसों से निकलने वाले दूध को पठापुर रोड स्थित बालाजीपुरम कॉलोनी में घर जाकर सप्लाई करती थी। तीन साल तक यह छात्रा पठापुर से शहर आकर दूध की सप्लाई कर अपने परिवार का भरण पोषण करती रही। पिछले साल उसके पिता पठापुर गांव स्थित खेत की बटाई लेकर रहने लगे। और अब कविता स्कूल नहीं जा पाती। कविता के पिता ने कविता के लिए मोटरसाइकिल खरीदी और वह उसी से दूध खरीदने और बेचने जाती हैं।
मोटर साइकिल से कविता का सफर आसान हो गया है और उनके सपनों में भी जान आ गई है ।
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