सर्दियाँ शुरू होते ही बुंदेलखंड के घर-घर में चने के साग बनने की खुशबू आना शुरू हो जाती है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों का एक अच्छा स्रोत भी माना जाता है, जिससे आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सेहतमंद बनाए रखने में मदद होती है।
Chane ka Saag: सर्दियों की वो आँख-मिचौली वाली धूप, सफेद चादर में लिपटी कोहरे की धुंध का मज़ा लेने के लिए हम साल भर इंतज़ार करते हैं। वैसे तो ठण्ड का मज़ा चाय की चुस्कियों और दोस्तों के साथ अटखेलियां करने में ही आता है, लेकिन सर्दियों में जो आनंद साग और मक्के की रोटी देती है, वो शायद कोई भी और चीज़ नहीं दे सकती।
वैसे तो जब बात साग की आती है, तो सरसों, बथुआ, पालक, मेथी, सोया, मटर, इन सभी सागों का आनंद बच्चों से लेकर बड़े तक लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सागों का शहंशाह कौन है? ये है चने का साग! बाज़ारों में तो आपको चने का साग दुकानों पर सजा दिख ही जाएगा, बल्कि खेतों में भी लहलहाती फसलों के बीच चने के साग को तोड़ते महिलाएं अकसर दिख जाती हैं। अब क्या करें, इस साग की मांग ही इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है।
चने का साग इसलिए भी लोग खाना पसंद करते हैं क्यूंकि ये स्वादिष्ट तो होता ही है, और साथ ही पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, दिल की बीमारियां इत्यादि इसका नियमित सेवन करने से आपको छू भी नहीं सकती हैं। और हाँ, अगर आप चने के साग को बाजरे,ज्वार या मक्के की रोटियों और आंवले के आचार के साथ खाएं तो यह सोने में सुहागा वाली बात हो जाती है।
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चने का साग: स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर
सर्दियाँ शुरू होते ही बुंदेलखंड के घर-घर में चने के साग बनने की खुशबू आना शुरू हो जाती है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों का एक अच्छा स्रोत भी माना जाता है, जिससे आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सेहतमंद बनाए रखने में मदद होती है। मोहनपुरवा गांव की राम सखी बताती हैं कि उनके घर में जिस दिन चने का साग बन रहा होता है, उस दिन तो घर में त्यौहार जैसा माहौल हो जाता है। बच्चे इसे आंवले और मिर्च के अचार के साथ खाने के लिए उत्सुक होते हैं और बुज़ुर्ग मक्के की रोटी के साथ।
गांव की ज़्यादातर महिलाओं की तरह राम सखी भी खेत से ताज़ा साग तोड़ कर लाती हैं और फिर उसे बनाती हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ चने की ही नहीं, उनके गांव में कई लोग सरसों और बथुए के साग की भी खेती करते हैं।
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आइये एक नज़र डालें सरसों और बथुए के साग के फायदे पर:
अगर आप अपने वज़न बढ़ जाने के डर से कुछ भी खाने से पहले सोचते हैं, तो परेशान हों, क्यूंकि सरसों का साग न ही सिर्फ प्रोटीन से भरपूर होता है बल्कि हमारे वज़न को भी नियमित रखता है। सरसों के साग में कैल्शियम और पोटैशियम अच्छी मात्रा में होती है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करती है।
यह हड्डियों से जुड़े रोगों के उपचार में भी फायदेमंद माना जाता है। इस साग में विटामिन, मिनरल, फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस लिए ग्रामीण इलाकों में लोग सर्दियों के तीन महीने खेतों से ताज़ा बथुआ, सरसों और चने का साग तोड़ कर लाते हैं और खाते हैं।
अगर बात बथुए की करी जाए, तो बथुए के पराठे से ज़्यादा स्वादिष्ट तो शायद ही कुछ होता हो, लेकिन क्या आपको पता है कि हम बथुए का रायता भी बना सकते हैं? मोहनपुरवा की कमला ने हाल ही में अपने पड़ोसी के घर पर बथुए का रायता खाया था और तब से वो रोज़ाना इसे अपने घर में भी बनाती हैं। बाकी सागौन की तरह बथुआ भी आसानी से बाज़ार में मिल जाता है और विटामिन से भरपूर होता है। तो बस अगली बार आप बथुआ ख़रीदियेगा, तो उसे कद्दूकस करके रायते में मिलाकर ज़रूर खाइयेगा। और उसका स्वाद दोगुना हो जाएगा।
चने का साग बनाने की विधि
किसी भी साग को बनाने में लहसुन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लहसुन का तड़का साग के स्वाद को और बढ़ा देता है। अगर आप बाजार से चने का साग खरीद कर लाएं या फिर उसे अपने खेत से तोड़ कर लाएं, तो सबसे पहले तो उसे अच्छे से धो लीजिए, ताकि उसके अंदर से सारी गंदगी साफ़ हो जाए। फिर उसे चाकू या हंसिया से बारीक काट लीजिये। अब एक कढ़ाई में तेल गरम कीजिये और उसमें लहसुन को छील कर और बारीक काट कर, हींग के साथ डाल दीजिये। लहसुन के सुनेहरा हो जाने पर उसमें थोड़ी सी कच्ची मूंग की दाल या चावल डाल दीजिए। नमक डालकर सभी चीज़ों को अच्छे से फ्राई कर लीजिये और फिर उसमें पानी डालकर उबाल लीजिये। पानी जब उबलने लगे तब उसमें चने का साग डालिये और धीमी आंच पर पकने दीजिए।
8-10 मिनट पकने जाने के बाद, आपका स्वादिष्ट चने का साग तैयार है।
तो अगर आप लोगों को भी खाना है यह स्वादिष्ट व्यंजन तो जरूर बनाइएगा और खाइयेगा या फिर बुंदेलखंड के किसी भी गांव में इस मौसम में जरूर आइएगा, आपको लोगों के घरों में चने का साग, सरसों का साग, हरी मिर्च और आंवले का अचार जरूर मिलेगा।
रिपोर्ट – गीता देवी
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