खबर लहरिया Blog सर्दियों में चने का साग कैसे रखता है शरीर को स्वस्थ और गर्म

सर्दियों में चने का साग कैसे रखता है शरीर को स्वस्थ और गर्म

चने के पत्ते को लेकर जर्नल ऑफ द साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर (USA and UK) में इस रिसर्च प्रकाशित किया जा चुका है। इस रिसर्च के अनुसार पोषक तत्वों के मामले में चने का साग पालक, सरसों, मेथी के साग की तुलना में कई गुणा ज़्यादा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है।

Chane ka saag helps to keep the body healthy and warm in winter

                                                                                                               साग बनाने के लिए चने के पत्तों को काटते हुए की तस्वीर (फोटो साभार – संध्या/खबर लहरिया)

सर्दियों में चने के पत्तों का साग सेहत को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आपको ठंड से भी बचाने का काम करता है। यह साग आपको ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों के बाज़ारों में भी आसानी से मिल जाएगा।

यह बताया जाता है कि चने के साग में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन इत्यादि तत्व पाये जाते हैं। यह कब्ज, डायबिटिज, पीलिया आदि रोगों में भी बहुत फायदेमंद होता है। जानकारी के अनुसार,
चने का साग हमारे शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति करता है इसलिए इसे ‘प्रोटीन का राजा’ भी कहा जाता है।

चने के पत्ते में कई तरह के माइक्रोन्यूट्रेंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो हर तरह की क्रोनिक बीमारियों (लंबे समय तक रहने वाली बीमारी) से शरीर की रक्षा करते हैं।

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients) वे पोषक तत्व हैं, जिनकी हमारे शरीर को बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है, लेकिन ये हमारे सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं। ये शरीर में ऊर्जा नहीं देते, लेकिन शरीर के विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता और सही ढंग से काम करने के लिए जरूरी हैं।

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कहा जाता है कि तीन प्रमुख क्रोनिक बीमारियां, डायबिटीज, दिल की बीमारी और मोटापे को चने के साग के सेवन से दूर रखा जा सकता है। चने के साग को बाजरे की रोटी के साथ खाना सेहत की दृष्टि से सबसे अच्छा माना जाता है।

चने के साग को लेकर रिसर्च भी हो चुकी है। इकोनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चने के पत्ते को लेकर जर्नल ऑफ द साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर (USA and UK) में इस रिसर्च प्रकाशित किया जा चुका है। इस रिसर्च के अनुसार पोषक तत्वों के मामले में चने का साग पालक, सरसों, मेथी के साग की तुलना में कई गुणा ज़्यादा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है।

अध्ययन में कहा गया है कि चने के साग में इतने तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं कि अगर इसका सेवन गरीब और कुपोषण वाले इलाके में किया जाए तो कुपोषण की समस्या का हल हो सकता है।

कुपोषण को कम करने के लिए संतुलित आहार में चने के साग के साथ अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे दालें, अनाज, फल, और सब्जियां शामिल करना जरूरी है। यह अकेला काफ़ी नहीं होगा, लेकिन व्यापक आहार योजना के हिस्से के रूप में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

व्यापक आहार योजना का मतलब है एक संतुलित और विविध आहार लेना जो सभी आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल करता है। इस योजना का उद्देश्य शरीर को सही मात्रा में ऊर्जा, विटामिन्स, खनिज और अन्य पोषक तत्व प्रदान करना है।

चने के साग के फायदे

1. पाचन में सुधार – फाइबर की उच्च मात्रा होने की वजह से यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करता है।

2. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा – विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स के कारण, चने के पत्ते प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाने का काम करते हैं।

बता दें,एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) वे पदार्थ होते हैं जो शरीर को हानिकारक रसायनों, जिन्हें फ्री रेडिकल्स कहते हैं, से बचाने का काम करते हैं। फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कई बीमारियों, जैसे कैंसर, दिल की बीमारियों और उम्र बढ़ाने का काम करते हैं।

3. हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद – इनमें प्रोटीन और फॉस्फोरस की मौजूदगी हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती में मदद करती है।

चने के पत्ते को सलाद, सूप या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक और पौष्टिक आहार जो ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आसानी से व कम दाम में उपलब्ध रहता है।

(नोट – यह जानकारी बस मौजूदा जानकारी के अनुरूप लिखी गई है।)

 

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