खबर लहरिया Blog राबड़ी देवी के घर पर CBI की छापेमारी, विपक्ष ने कहा- चुनाव से पहले बीजेपी की बड़ी चाल

राबड़ी देवी के घर पर CBI की छापेमारी, विपक्ष ने कहा- चुनाव से पहले बीजेपी की बड़ी चाल

सीबीआई को जनवरी में नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली थी। लालू और उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन के रूप में रिश्वत ली थी।

                                                                  बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम द्वारा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के घर पर छापेमारी को दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) ने ‘अपमानजनक’ बताया। इसके अलावा 26 फरवरी को हुई मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी व राबड़ी देवी के घर पर छापेमारी को आने वाले चुनाव के साथ भी जोड़ा गया।

बता दें, सोमवार की सुबह ही सीबीआई की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पहुंची। जानकारी है कि पिछले कई घंटो से सीबीआई ज़मीन के बदले नौकरी केस के बारे में पूछताछ कर रही है।

टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई को जनवरी में नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली थी। लालू और उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन के रूप में रिश्वत ली थी।

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बीजेपी को आईना दिखाने पर होती है छापेमारी – तेजस्वी यादव

छापेमारी को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, “जिस दिन विश्वास मत ज़ारी था और हमारी महागठबंधन सरकार बनी, मैंने कहा था कि यह सिलसिला ज़ारी रहेगा। 15 मार्च को सुनवाई है जो जमानत के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है।”

आगे कहा, अगर आप भाजपा के साथ रहते हैं, तो आप राजा हरिश्चंद्र होंगे। महाराष्ट्र में जब शरद पवार के भतीजे (अजित पवार) बीजेपी में गए तो सारे केस वापस ले लिए गए। जब टीएमसी के मुकुल रॉय बीजेपी में गए तो उनके भी सारे केस वापस ले लिए गए। अगर आप बीजेपी को आईना दिखाओगे तो ये (छापेमारी) होगा।

मामले को लेकर सीबीआई

सीबीआई ने बताया, जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था। यह ज़मीन प्रचलित सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी।

क्या पीएम को लिखे पत्र से है छापेमारी का संबंध?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि क्या इसे विपक्ष के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र के संबंध में देखा जा सकता है तो इसके जवाब में दिल्ली के सीएम ने कहा, ‘इसे ऐसे भी देखा जा सकता है। यह ट्रेंड बनता जा रहा है। जिन राज्यों में विपक्ष है वहां उन्हें काम नहीं करने दिया जाएगा। वे (भाजपा) उन्हें परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई और राज्यपाल का इस्तेमाल करते हैं। लोकतंत्र तभी आगे बढ़ेगा जब सभी एक साथ काम करेंगे, जिसकी भी सरकार है उसे वहां काम करने देना चाहिए।’

रिपोर्ट्स के अनुसार, आठ राजनीतिक दलों के नौ नेताओं ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

तेजस्वी पर दबाव बनाने के लिए हो रहा सब – कपिल सिब्बल

मामले को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और लालू प्रसाद के ‘नाजुक स्वास्थ्य’ की ओर इशारा किया।

कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “लालू पर भड़की सीबीआई। हम सभी उनके स्वास्थ्य की नाजुक स्थिति को जानते हैं। यह तेजस्वी पर दबाव बनाने के लिए है। जितना ज़्यादा सरकार ऐसा करेगी, लोग इस सरकार के उतना ही खिलाफ हो जाएंगे।”

कई नेताओं द्वारा इस पूरे मामले को लेकर यह आरोप लगाया गया कि विपक्षी नेताओं के मामलों को दर्ज करने या गिरफ्तार करने का समय “चुनावों के साथ मेल खाता था” जिससे यह साफ़ होता है कि की गई कार्यवाही “राजनीति से प्रेरित” थी। राबड़ी देवी के घर पर छापेमारी व आप पार्टी के मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को एक बड़ा राजनीतिक जाल बताया जा रहा है जिसे लोकसभा चुनाव से पहले बुना गया है। फिलहाल, सीबीआई द्वारा मामले की जांच ज़ारी है।

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