खबर लहरिया Blog दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की जानें वजह

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की जानें वजह

Causes behind rising pollution in Delhi

                                      दिल्ली में फैलते प्रदूषण की सांकेतिक फोटो ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने 15 सितंबर से 28 अक्टूबर तक पीएम 2.5 के स्तर का विश्लेषण किया और पिछले सालों के आंकड़ों से इसकी तुलना की।

पीएम 2.5, हवा में मौजूद उन छोटे कणों या बूंदों को कहा जाता है जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। इन्हें मानव जीवन के लिए खतरनाक माना जाता है।

संगठन ने पाया कि दिल्ली में स्थानीय स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान वाहनों से निकलने वाले धुओं का है, जो कुल प्रदूषण का आधे से ज्यादा है। इसके बाद आवासीय जलन से 13 प्रतिशत, उद्योग से 11 प्रतिशत, निर्माण से 7 प्रतिशत, ऊर्जा से 6 प्रतिशत, कचरा जलाने से 5 प्रतिशत, और सड़क की धूल और अन्य स्रोतों से 4 प्रतिशत योगदान है।

बता दें, आवासीय जलन” का मतलब है घरों में ईंधन, जैसे लकड़ी, कोयला, कचरा, या अन्य पदार्थों को जलाना, जिससे धुआं और प्रदूषण पैदा होता है। यह खासकर ठंड के मौसम में या खाना पकाने के लिए किया जाता है और इससे वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है।

 

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