खबर लहरिया Blog Caste Census : ‘BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है’, जातिगत जनगणना के रोक पर लालू प्रसाद यादव ने कहा

Caste Census : ‘BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है’, जातिगत जनगणना के रोक पर लालू प्रसाद यादव ने कहा

बिहार में जातीय गणना और आर्थिक संरक्षण को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी जिसमें यह कहा गया था कि जातिगत जनगणना का काम राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

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                                                                                             पटना हाईकोर्ट की तस्वीर ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

बिहार में चल रही जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण पर पटना हाईकोर्ट द्वारा वीरवार, 4 मई को तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश ज़ारी किया गया। अदालत के रोक लगाने के बाद लालू प्रसाद यादव ने इसका ज़िम्मेदार बीजेपी को ठहराते हुए कहा कि, “BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है?” इसके अलावा इस मामले को लेकर अलग-अलग लोगों की तरफ से कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिली।

बता दें, बिहार में जातीय गणना और आर्थिक संरक्षण को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी जिसमें यह कहा गया था कि जातिगत जनगणना का काम राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद ने इस मामले में फैसला सुनाया। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। बता दें, बिहार में जाति आधारित जनगणना का दूसरा व आखिरी चरण चल रहा है।

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जातिगत जनगणना पर लालू प्रसाद यादव ने यह कहा…..

आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना के रोक लगने पर आज ट्वीट करते हुए लिखा, “जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की माँग है और यह हो कर रहेगा। BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है?

जो जातीय गणना का विरोधी है वह समता, मानवता, समानता का विरोधी एवं ऊँच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक व आर्थिक भेदभाव का समर्थक है।

देश की जनता जातिगत जनगणना पर BJP की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।”

 

क्या राजद ने किसी को दिया आरक्षण?

बीजेपी पर लगाए आरोप के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की बीत को बिहार बीजेपी ट्विटर हैंडल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “जिस समय जातीय जनगणना की बात हुई भाजपा थी, राजद वाले कहाँ थें? राजद वाले ऐसे ही क्रेडिट लेते हैं। राजद वाले से पूछिए 15 साल माताजी और पिताजी सत्ता में रहें, एक आदमी को आरक्षण दिया क्या? ”

अदालत पर फैसले को लेकर कसा तंज

पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिलीप मोंडल ट्वीट करते हुए लिखते हैं,

सुप्रीम कोर्ट – जाति का आँकड़ा नहीं है? आप ओबीसी को इतना आरक्षण कैसे दे रहे हैं। एससी/एसटी को प्रमोशन में आरक्षण देना है तो आँकड़े लाओ। पंचायत में आरक्षण देना है तो आँकड़े लाओ। आँकड़ा नहीं तो आरक्षण नहीं।

राज्य सरकारें – तो हुज़ूर आँकड़े तो जनगणना से ही आएँगे। करा लें जाति जनगणना?

कोर्ट – नहीं। क़तई नहीं। बिल्कुल नहीं। नाम भी मत लेना।

केंद्र सरकार – आँकड़े तो नहीं हैं। पर सवर्ण EWS को 10% दे दें।

कोर्ट – वाह, वाह। मज़ा आ गया। दे दो। क्यों नहीं। आँकड़ों का क्या करना है।

ओबीसी – लेकिन हुज़ूर। हमारा वाला।

कोर्ट – चलो निकलो यहाँ से। ”

जातिगत जनगणना के बिना हो पायेगा विकास?

मामले को लेकर राजनैतिक एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने कहा, “पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। क्या जातिगण जनगणना के बिना हम विकास की सही दिशा में बढ़ पाएंगे? क्या जातिगत जनगणना के बिना हमारे समाज का सर्वांगीण विकास संभव है?”

 

जाति की राजनीति हमेशा से चलती आई है। वहीं जब सुविधाओं के लिए जातिगत जनगणना शुरू हुई, उसमें भी अड़चनें आ गयी। इतने विवाद, आरोप-प्रत्यारोपों को बीच अदालत अपनी अगली सुनवाई में क्या फैसला सुनाती है, यह देखना प्रभावशील रहेगा।

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