देशभर में लाखों छात्र मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं। युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती यह प्रवृत्ति अब सभी को गंभीर चिंतन करने के लिए पर्याप्त है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देखें तो जहाँ 2020 में देशभर में कुल 12,526 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की है। वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 13, 089 हो गया है। आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों में 56.54 फीसद लड़के और 43. 49 फीसदी लड़कियां थी। 15-19 वर्ष के विद्यार्थियों में आत्महत्या मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है। ये आंकड़े शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक चेतावनी हैं।
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