नमस्कार दोस्तों!! द कविता शो के इस एपिशोड में आपका स्वागत हैl दोस्तों इस समय बुन्देलखण्ड के एमपी राज्य के छतरपुर जिले का बक्स्वाहा जंगल की चर्चा से आप भी परिचिय होगेl बक्स्वाहा जंगल के दो लाख से ज्यादा पेड़ो को काटने का आदेश एमपी की सरकार दे चुकी हैl सायद ये बाद सुनकर आपके अंदर भी तीस पैदा हो रही होगीl और ये पेड़ इसलिए काटने का आदेश सरकार ने दिया हैl क्योकि बक्स्वाहा जंगल में हीरे की खदान हैl ऐसा बताया गया है तो आईये अब मैं इस पर विस्तार से चर्चा करती हूँ और आप भी मेरी इस महत्वपूर्ण चर्चा में शामिल होइएl
बक्स्वाहा जंगल में साढ़े तीन करोड़ कैरेड का हीरा का भंडार हैंl एन हीरा की खोदाई के लिए सरकार ने एक कम्पनी को ठेका दिया है जो विदेशी कम्पनी हैl ये कम्पनी पेड़ो को कटवाकर हीरे निकालेगी और सरकार हो जायेगी माला मालl सरकार ऐसे ही सोचती भी होगीl लेकिन भई पेड़ो को काटना आसान नहीं हैl जंगल को बचाने के लिए लोग विरोध करना शुरू कर दिए हैl प्रक्रति के शुभ चिंतक है वो पहुच गये है जंगल को बचाने के लिएl
मेरे समझ में नहीं आता है की सरकार ऐसे फैसले क्यों लेती है सिर्फ अपनी भलाई क्यों देखना चाहती है इसको इन्सान जानवर और प्रक्रति से प्रेम क्यों नहीं हैl ये सब जानते हुए भी की पेड़ो को काटना गलत है पेड़ ही तो हमारे रछक हैंl इस कोरोना काल की वैश्विक महामारी से अभी आक्सीजन की कमी से लोगों की मौते हुई हैl पानी नहीं बरसता तो सूखा पड़ता हैl बुन्देलखण्ड में पीने का पानी नहीं हैl और ये सारी चीजे मिलती हैं पेड़ मिलती है और पेड़ो का काटना मतलब जिन्दगी को मिटाना है और मैं इसकी घोर निंदा करती हूँl
अरे सकरार ये पेड़ काटने से आस पास में बसे गांवो आदिवासी लोग जीवजन्तु ये सब प्रभावित होगेl आपका हीरा लोगो के किसी काम का नहीं हैl इसलिए आप इंसानियत को खतरे में न डाले l
कोविड से जुड़ी जानकारी के लिए ( यहां ) क्लिक करें।