बांदा जिले के देहात कोतवाली के स्थित पैट्रोल पम्प के पास 3 दिसंबर की शाम को रोडवेज़ बस ने सामने से आ रही ऑटो को टक्कर मार दी, जिसमें 6 लोगों की मौके पर मौत हुई है और एक बच्ची की मौत 4 दिसंबर को इलाज के दौरान कानपुर में मौत हो गई मृतकों के परिवार में उनके आलावा कमाने वाला और कोई नहीं है। मज़दूरी करके ही सभी परिवारों का भरन-पोषण होता था
। सभी मज़दूरों के छोटे-छोटे बच्चे थे। गांव वालों का कहना है कि गांव में एक साथ आठ लोगों की मौत होना, बहुत असहनीय है। डीएम आंनद कुमार द्वारा सभी परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता देने का आश्वासन दिया गया है। वहीं पूर्व विधायक विशंभर यादव का कहना कि मृतकों के परिवार वालों को कम से कम 10 लाख रुपए तक की सहायता देना चाहिए।
प्रशासन द्वारा सहायता देने के आश्वाशन को लेकर कई लोग यह भी आरोप लगाया रहे हैं कि सहायता के नाम पर प्रशासन बस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।लेकिन एक सवाल यह भी है कि क्या दिए जा रहे पैसे और सहायता उन परिवारों के भविष्य और आज को संवार पाएंगे? सबसे बड़ा सवाल यह कि क्या सभी परिवारों को वादें के मुताबिक सहायता राशि प्राप्त होगी या नहीं?