गौशाला योजना राज्य सरकार की योजना है जिसकी शुरुआत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य था की आवारा जानवरों को संरक्षण मिले और उनसे फसलों को बचाया जा सके। जिसे देखते हुए अस्थायी गौशालाओं की शुरुआत की गयी।
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लेकिन इन योजनाओं का कुछ खासा असर राज्य में देखने को नहीं मिला। आज भी बुंदेलखंड क्षेत्रों में जानवर सड़कों पर आवारा घूमते हुए दिखाई देते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कहीं ये जानवर किसानों की फसलें चौपट कर देते हैं। गौशाला में रह रहे जानवरों का भी बुरा हाल है। न सुरक्षा है और न ही चारे-भूसे की व्यवस्था। इस समय ठंड की वजह से बहुत से अन्ना जानवरों की मौतें हो रही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब राज्य में योजना चल रही है तो इसके बावजूद भी जानवर ठंड से क्यों मर रहे हैं? जब योजना के लिए लाखों-करोड़ों का बजट पास किया गया है तो गौशालाओं में जानवरों के लिए कोई व्यवस्था क्यों नहीं है? हर जगह गौशालाओं का निर्माण क्यों नहीं कराया गया है? इसकी ज़िम्मेदारी किसकी है?
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