खबर लहरिया National Bundelkhand Culture: आषाढ़ में जब खेत बनते हैं रसोई, क्यों नहीं जलता चूल्हा घर पर?

Bundelkhand Culture: आषाढ़ में जब खेत बनते हैं रसोई, क्यों नहीं जलता चूल्हा घर पर?

भारत एक कृषि प्रधान देश है और जून का महीना किसानों के लिए सिर्फ खेती का नहीं, बल्कि संस्कृति का भी महीना होता है। बुंदेलखंड में आषाढ़ का महीना आते ही खेती की तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं—हल, बैल, मिट्टी और बीज फिर से जीवन पाते हैं। लेकिन सिर्फ किसान ही नहीं, गांव की महिलाएं भी इस मौसम को खास बना देती हैं। वो घर में चूल्हा नहीं जलातीं, बल्कि खेतों, खलिहानों, मंदिरों के पास रोटियां सेंकती हैं, और उसे सब्जी, हलवा या आम के पना के साथ परिवार व रिश्तेदारों को परोसती हैं।

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