नौगांग , छतरपुर जिला , मध्य प्रदेश : कैसे बनाई गई यह ट्राई बाइक एम्बुलेंस क्या है इसकी खुबिया ?
नगर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज के प्रोफेसर व शिक्षकों के मार्गदर्शन में छात्रों ने 108 एम्बुलेंस की तर्ज पर ही एक ट्राईबाइक एम्बुलेंस का अविष्कार किया है। अगर उनकी बनाई हुई ट्राईबाइक एम्बुलेंस को हर पंचायत में रखा जाए और छात्रों द्वारा किए गए अविष्कार को अगर गति मिलती है तो यह बाइक एम्बुलेंस गंभीर ग्रामीण मरीजो के लिए वरदान साबित होगी। मिली जानकारी के अनुसार नगर के पॉलिटेक्निक के छात्रों ने 108 एम्बुलेंस की तर्ज पर ग्रामीण मरीजो के लिए एक ट्राईबाइक एम्बुलेंस बनाई है। जिसका उद्देश्य दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में माध्यम वर्ग के लोग जो प्राइवेट एम्बुलेंस बुलाने व एम्बुलेंस के लेट लतीफ आने से गंभीर रूप से मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस ट्राईबाइक को अगर गति मिलती है तो यह ट्राईबाइक एम्बुलेंस ग्रामीण क्षेत्रों कहि भी आसानी से पहुच सकती है व मरीज को जल्द ही उपचार के लिए अस्पताल लाया जा सकता है जिससे मरीज को होने बाली अनहोनी से बचाया जा सकता है । इस ट्राईबाइक एम्बुलेंस को हर कोई चला सकता से और कहि भी किसी सकरी गली में आसानी से पहुच सकती है। छात्रों ने बताया कि हम लोगो ने कई बार देखा कि समय पर एम्बुलेंस न पहुँचने पर दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजो की मृत्यु हो जाती है ये गरीब तबके के लोग न तो प्राइवेट एम्बुलेंस का खर्च उठा सकते उनकी हालत को देखते हुए गरीबो की सहायता के लिए ट्राईबाइक एम्बुलेंस बनाई गई है । पॉलिटेक्निक के छात्रों ने बताया कि हम लोगो ने फ्लड एक पुरानी मोटरसाइकिल ली इसके बाद मारुति वेन कार के पुराने कबाड़ से खरीदे पार्ट व टायर , गटर,शोकर,एस्टेचर में खाश सस्पेंशन व निवाड़ की तांत से बुना हुआ है साथ ही इंडिपेंडेंट सस्पेंशन सिस्टम लगाए गए है जिससे मरीजो को आराम मिल सके यह ट्राई बाइक है इस एम्बुलेंस का कार्य 2 अप्रेल से शुरू किया गया था जिसमे डेड से दो माह के लगभग का समय लग जिसमें 50 हजार रुपये तक का खर्च आया साथ ही हमारे कॉलेज के शिक्षक एचओड़ी श्रीकांत शुक्ला प्रोफेसर अमित जाटव,पवन अग्रवाल, अमृता द्विवेदी, उमाशंकर शुक्ला , पीएल अहिरवार के मार्गदर्शन में छात्र मनोज विश्वकर्मा, अमित रैकवार, अनूप तिवारी,दिनेश प्रजापति, राजेश अहिरवार, राकेश दास, चिराग पटेरिया,अमित जाटव, के साथ छात्रा रागनी राजपूत की इस ट्राईबाइक एम्बुलेंस बनाने में अहम भूमिका रही।