यहाँ कक्षा 6 से 8 तक में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है। प्रिंसिपल खुद इन कक्षाओं को पढ़ाते हैं। बाकी टीचर भी अपने काम के अलावा अतिरिक्त क्लास ले रहे हैं।
रिपोर्ट – सुमन, लेखन – कुमकुम
बिहार में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल बहुत तेज हो गई है। सरकार बार‑बार यह वादा कर रही है कि उसने युवाओं को रोजगार दिया है, शिक्षा व्यवस्था बेहतर की है और स्कूलों में टीचरों की नियुक्ति बड़े पैमाने पर की गई है। TRE 1, TRE 2, TRE 3 के माध्यम से कई टीचर नियुक्त किए जा चुके हैं। अब चुनाव से पहले सरकार यह भी कह रही है कि TRE 4 भर्ती भी शुरू की जाएगी, ताकि बची हुई टीचर की कमी पूरी की जा सके।
लेकिन जब जमीन पर हालत देखे जाते हैं तो तस्वीर कुछ और ही नजर आती है। बहुत सारे स्कूल ऐसे हैं, जहाँ टीचर बहुत कम हैं। बच्चे खाली बैठकर समय बर्बाद करते हैं। जिन टीचरों की मौजूदगी है, वे अपनी जिम्मेदारियों के अलावा खुद कक्षा भी संभाल रहे हैं।
पटना जिले के मसौढ़ी ब्लॉक के निशियावां पंचायत में बने उच्च माध्यमिक विद्यालय की हालत दिखा रहे हैं। यहाँ कक्षा 6 से 8 तक में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है। प्रिंसिपल खुद इन कक्षाओं को पढ़ाते हैं। बाकी टीचर भी अपने काम के अलावा अतिरिक्त क्लास ले रहे हैं।
स्कूल में 6 से 8वीं तक कोई टीचर नहीं, प्रिंसिपल खुद पढ़ाते हैं क्लास
पटना जिले के मसौढ़ी ब्लॉक के निशियावां पंचायत में स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में बड़ी समस्या है। स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाने वाला एक भी शिक्षक नहीं है। इस वजह से प्रिंसिपल रंजीत कुमार खुद बच्चों को पढ़ाते हैं।
प्रिंसिपल रंजीत कुमार ने बताया कि स्कूल में 1 से 5 तक कुल 5 शिक्षक हैं, लेकिन 6 से 8 तक कोई भी शिक्षक नहीं है। पहले यहाँ टीचर थे, लेकिन कुछ का ट्रांसफर हो गया और कुछ रिटायर हो गए। तब से यह समस्या बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि वे अपनी फुर्सत से कक्षा 6 से 8 के बच्चों को पढ़ाते हैं। कभी इंग्लिश पढ़ाते हैं, कभी मैथ या हिंदी। सभी टीचर मिलकर बारी-बारी से कक्षा संभालते हैं। लेकिन बच्चों को अच्छे से पढ़ाना मुश्किल हो जाता है।
प्रिंसिपल ने यह भी बताया कि कई बार अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है ताकि खाली पद पर नए शिक्षक भेजे जाएं। लगभग 10 दिन पहले फिर से इसकी शिकायत की गई थी। जब भी कोई जांच के लिए आता है तो कहा जाता है कि जल्द ही इसका हल निकलेगा।
शिक्षक की कमी से बढ़ा प्रिंसिपल और अन्य टीचरों का काम
विद्यालय में शिक्षक की भारी कमी के कारण टीचर का काम बहुत बढ़ गया है। सुभाष कुमार, जो कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाते हैं, बताते हैं कि यहाँ पर 1से 8 क्लास कुल 292 बच्चे पढ़ते हैं। पूजा सिंह, जो 1-5 तक कक्षा के टीचर है वो बताती कि कक्षा 6 से 8 में लगभग 132 बच्चे हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए कोई स्थायी शिक्षक नहीं है। इसलिए सभी टीचर मिलकर बारी-बारी से इन कक्षाओं को संभालते हैं। कभी-कभी बच्चों को मिलाकर एक साथ बैठाकर पढ़ाना पड़ता है, तो कभी एक-एक करके क्लास में पढ़ाने जाना पड़ता है। अगर सरकार थोड़े और टीचर दे दे तो हमारी मेहनत थोड़ी कम हो जाएगी। हमें लंच टाइम पर भी बच्चों की देखभाल, कॉपी चेक करना और पढ़ाना सब करना पड़ता है।
विद्यालय में टीचर बताते हैं कि बच्चों में पढ़ाई को लेकर बहुत उत्साह है। वे रोजाना स्कूल आते हैं, पढ़ाई करने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन कम टीचर के कारण पढ़ाई में असर पड़ रहा है।
स्कूल में टीचर नहीं, पढ़ाई मुश्किल
निशियावां पंचायत मोहना देवी, जिनकी बेटी जूली कक्षा 6 में पढ़ती है, बताती हैं कि हमें नहीं पता कि स्कूल में पढ़ाई होती है या नहीं। हम बच्चे स्कूल भेज देते हैं और खेतों में काम करने चले जाते हैं। हमको नहीं पता स्कूल में टीचर है कि नहीं
निशियावां की रहने वाली सुखी कुमारी, जिनका बेटा भी कक्षा 6 में पढ़ता है, कहती हैं कि स्कूल में ज्यादातर बच्चे खेलते हुए नजर आते हैं क्योंकि पढ़ाने के लिए टीचर नहीं हैं। अगर टीचर होते तो बच्चे पढ़ाई करते। अब बच्चे रोज स्कूल आते हैं, लेकिन क्या पढ़ते हैं, हमें पता नहीं चलता।
शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया जारी -बीईओ
इस खबर के बाद ही जब खबर लहरिया रिपोर्टर बीआरसी ऑफिस पहुंची तो बीईओ रवींद्र ठाकुर ने बताया कि विभाग द्वारा रिक्त पदों की मांग की गई है और जो रिक्ति थी, उसे विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है। आगे की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी। शिक्षक की कमी वाले विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति विभाग के द्वारा की जाएगी।
उन्होंने ने बताया कि पहले ऐसा होता था कि अगर स्कूल में कोई कमी होती थी, जैसे शिक्षक, सामान या बिल्डिंग की समस्या, तो हमें आकर बताना पड़ता था। लेकिन अब सरकार के नियम बदल गए हैं। अब अगर स्कूल पर किसी भी तरह की कमी होती है, तो वह शिकायत ऑनलाइन दर्ज की जा सकती है।
बीईओ ने बताया कि यह प्रक्रिया अब पूरी तरह लागू हो चुकी है। वह दस दिन पहले भी स्कूल गए थे और देखा कि क्या-क्या कमियां हैं। विभाग की तरफ से भी कोशिश जारी है कि TRE 4 के माध्यम से जो भर्ती होगी। सबसे पहले निशियावां स्कूल में शिक्षक पहुंचाए जाएं। अगर किसी ट्रांसफर के दौरान कुछ शिक्षक खाली होंगे, तो उन्हें भी स्कूल में भेजने की कोशिश की जाएगी।
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