खबर लहरिया Blog Bihar Patna News : पटना में बच्चों के लिए “पटना कलम पेंटिंग” प्रशिक्षण शुरू

Bihar Patna News : पटना में बच्चों के लिए “पटना कलम पेंटिंग” प्रशिक्षण शुरू

 

पटना जिले के बुद्ध स्मृति पार्क के म्यूजियम हॉल में 6 सितंबर को पटना कलम पेंटिंग प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 सितंबर तक चलेगा। इसमें बच्चों को सिखाया जाएगा कि वे अपने रोजमर्रा के जीवन के कार्यों को पटना कलम पेंटिंग के ज़रिए कैसे बनाएं। 

pen painting training program launched

कलम पेंटिंग प्रशिक्षण का शुभारंभ( फोटो साभार: सुमन)

यह कार्यक्रम योर हेरिटेज प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा आयोजित किया गया है। इस संस्था की स्थापना जुलाई 2020 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बिहार की खास सांस्कृतिक विरासत पटना कलम पेंटिंग को बचाना और आने वाली पीढ़ी तक पहुँचाना है।

प्रशिक्षण में बच्चे और बड़े सीखते हुए नजर आए

इस फोटो में आप देख सकते हैं कि लगभग 25 लोग पेंटिंग बनाना सीख रहे हैं। इसमें छोटी उम्र के बच्चे, महिलाएं, पुरुष और बड़े लड़के सभी शामिल हैं। हर कोई अपनी-अपनी पेंटिंग बनाने में बहुत मेहनत कर रहा है।

learning to make paintings

पेंटिंग बनाना सीख रहे हैं (फोटो साभार: सुमन)

टेबल पर कागज बिछा है, जिस पर चित्र बना हुआ है। उसके ऊपर बच्चे और बड़े, ब्रश और पेंसिल से रंग भर रहे हैं। हर किसी का तरीका अलग-अलग है और सभी अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि प्रिंट की तरह सुंदर चित्र बना सकें। इस तस्वीर से साफ दिख रहा है कि सभी में इस कला को सीखने का बहुत उत्साह है।

परिधि- चाणक्य की पेंटिंग बना रही है

इस फोटो में एक लड़की हाथ में ब्रश लेकर चाणक्य की पेंटिंग बना रही है। वह बहुत ध्यान से उसकी पोशाक और चेहरे को अच्छे से बनाने की कोशिश कर रही है। लड़की का नाम परिधि है। वह कक्षा 8 में पढ़ती है। परिधि को आर्ट का बहुत शौक है। उसने बताया कि स्कूल में साधारण चित्र बनाना सिखाया जाता है लेकिन यहाँ मिलने वाला प्रशिक्षण अच्छे से सिखाया जाता है। यह सीखना उसके लिए बहुत अच्छा है। परिधि तीन दिन से चाणक्य की पेंटिंग बना रही है। आज यह पूरा नहीं होगा तो कल फिर आएगी। वह पहले स्कूल जाती है और फिर बुद्ध स्मृति पार्क के म्यूजियम हॉल में आकर पेंटिंग बनाती है।

Paridhi has been painting Chanakya for three days

परिधि तीन दिन से चाणक्य की पेंटिंग बना रही है (फोटो साभार: सुमन)

पेंटिंग की बारीकियां सीखने के लिए रिकॉर्डिंग कर रही अमृता  

इस फोटो में एक लड़की पेंटिंग बना रही है। वह बावर्ची की तस्वीर बना रही है। साथ में उसने फोन और ट्राइपॉड रखा है ताकि वह पेंटिंग का वीडियो बना सके। फोटो में पेंटिंग बना रही लड़की का नाम अमृता शांभवी है। वह पटना में रहती हैं। उन्हें आर्ट का बहुत शौक है। 12वीं पास करने के बाद से वह आर्ट में रुचि ले रही हैं। मधुबनी और मैथिली पेंटिंग भी बनाती हैं। जब उन्हें पता चला कि पटना कलम पेंटिंग का प्रशिक्षण मिल रहा है, तो वह बहुत खुश हुईं।

अमृता बताती हैं कि पटना कलम पेंटिंग धीरे-धीरे कम होती जा रही है। लोग ज्यादा मधुबनी पेंटिंग को जानते हैं, लेकिन पटना कलम भी बिहार की एक खास कला है। इस पेंटिंग में रोजमर्रा की चीजें बनती हैं, जैसे खाना बनाना, पानी लाना, सब्जी बेचना, राज दरबार आदि। इसे ध्यान से बनाना बहुत जरूरी होता है। अमृता इसे अच्छे से सीखने और याद रखने के लिए रिकॉर्डिंग बना रही हैं। ताकि आगे चलकर वह इसे सीखती रहें और दूसरों को भी सिखा सकें।

The name of the girl making the painting is Amrita Shambhavi

पेंटिंग बना रही लड़की का नाम अमृता शांभवी है (फोटो साभार: सुमन)

ममता व्हीलचेयर पर बैठकर पटना कलम पेंटिंग सीख रही हैं

इस फोटो में एक महिला व्हीलचेयर पर बैठी पटना कलम पेंटिंग सीख रही हैं। उनका नाम ममता भारती है। उनका खुद का व्यवसाय है, जिसमें वे मधुबनी पेंटिंग बनाकर शादी जैसे कार्यक्रमों में कपड़ों पर पेंटिंग करवाती हैं।

जब उन्हें पता चला कि पटना कलम पेंटिंग का प्रशिक्षण फ्री मिल रहा है, तो उन्होंने तुरंत हिस्सा लेने का फैसला किया। वह बताती हैं कि मधुबनी पेंटिंग बनाना आसान होता है, क्योंकि उसमें चेहरे या आँखों पर ध्यान नहीं देना पड़ता। बस डिजाइन में रंग भरना होता है लेकिन पटना कलम पेंटिंग बिहार की एक पुरानी धरोहर है, जो रोजमर्रा के कामों और पुराने समय के दृश्य को दिखाती है। इससे यह पता चलता था कि पहले लोग क्या करते थे, जैसे नाव चलाना, खाना बनाना, मसाला पीसना या मुगलों का राज्य करना।

ममता कहती हैं कि पटना कलम पेंटिंग सीखना इसलिए जरूरी है ताकि इसकी पहचान बनी रहे। इसके सीखने से न केवल उनकी जानकारी बढ़ेगी बल्कि उनका व्यवसाय भी बेहतर होगा।

Woman sitting on wheelchair learning Patna Kalam painting

महिला व्हीलचेयर पर बैठी पटना कलम पेंटिंग सीख रही हैं (फोटो साभार: सुमन)

रचना प्रियदर्शनी बच्चों को सिखा रही हैं पटना कलम पेंटिंग

इस फोटो में आप देख सकते हैं कि पोस्ट के पास खड़ी महिला रचना प्रियदर्शनी हैं। वे योर हेरिटेज प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक हैं। इन्होंने 5 जुलाई 2020 को पटना कलम पेंटिंग का रजिस्ट्रेशन कराया था। रचना इस कला को बचाने और फैलाने का प्रयास कर रही हैं। इनका कहना है कि साल 2023 से वे अलग-अलग स्कूल और कॉलेज जाकर बच्चों को पटना कलम पेंटिंग के बारे में जानकारी देती हैं और उन्हें प्रशिक्षण भी देती हैं। उन्होंने अब तक पांच बार ट्रेनिंग दी हैं। स्कूल के प्रिंसिपल और टीचरों ने उनका पूरा सहयोग किया। पटना कलम पेंटिंग बहुत खास है। पहले यह भारत की एक ऐसी पेंटिंग थी जिसे देखकर विदेश में बैठे लोग भारत की संस्कृति और इतिहास को समझ पाते थे। मुगल साम्राज्य और अंग्रेजों के शासन के समय भी इस पेंटिंग से शासन व्यवस्था और व्यापार को चित्रित किया जाता था।

रचना  बताती हैं कि पहले मोबाइल और कैमरा नहीं थे, इसलिए इस पेंटिंग की महत्ता ज्यादा थी। धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी आने के बाद इसकी पहचान कम हो गई। अब भी कई लोग अपनी संस्कृति और धरोहर से जुड़े रहने के लिए घर में हाथ से बनी पेंटिंग रखते हैं। रचना प्रियदर्शनी बच्चों को सिखाकर इस कला को आगे बढ़ाना चाहती हैं। उन्हें इस काम के लिए काफी सराहना मिलती है और कई जगह से ऑफर भी आ रहे हैं ।

The woman standing near the post is Rachana Priyadarshini

पोस्ट के पास खड़ी महिला रचना प्रियदर्शनी हैं (फोटो साभार: सुमन)

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