खबर लहरिया Blog Bihar, Patna Flood: पटना में बाढ़, दो दर्जन गांवों में घुसा पानी और सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद 

Bihar, Patna Flood: पटना में बाढ़, दो दर्जन गांवों में घुसा पानी और सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद 

पटना जिले के कई पंचायत बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। ग्रामीण परेशान हैं कि खूद को बचाएं या मवेशियों को। पटना जिले के कई पंचायत बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं।

People rendered homeless by the flood

बाढ़ से बेघर हुए लोग (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

पटना के पास धनरुआ प्रखंड में लगातार चार दिनों से हो रही बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यहां पांच नदियां उफान पर हैं, जिसकी वजह से करीब 1600 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। पानी बढ़ने से चार पंचायतों के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे लोगों का आना-जाना भी मुश्किल हो गया है।

फल्गु नदी के उफान का असर सबसे ज़्यादा धनरुआ प्रखंड से होकर बहने वाली कररुआ, भूतही और महताइन नदियों पर पड़ा। शनिवार रात को इन नदियों में अचानक पानी बढ़ गया और अरमल से चकरमल के बीच छह जगहों से पानी निकलकर दर्जनों गांवों में घुस गया।

आतापुर के पास तटबंध टूट गया 

आतापुर के पास तटबंध टूट गया जिससे गांव में पानी जाने लगा। इसके बाद सीओ ने तटबंध की मरम्मति का कार्य शुरू कराया. रविवार तक पानी बहरामपुर, विजयपुरा, पेड़ा और छाती पंचायत के अमरपुरा, सिमहारी, पिपरामा, नसरतपुर, रसलपुर सहित करीब दो दर्जन गांवों में घुस गया है। इससे 16 सौ एकड़ में लगी धान की फसल डूब गयी। वहीं कई जगहों पर सड़क पर पानी आने से लोगों को परेशानी हो रही है।

दीघा घाट पर पानी का स्तर 50.45 मीटर और गांधी घाट पर 49.57 मीटर

पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल यह खतरे के निशान से सिर्फ 1 से 3 मीटर नीचे है। दीघा घाट पर पानी का स्तर 50.45 मीटर और गांधी घाट पर 49.57 मीटर पहुंच गया है, जो खतरे की रेखा से थोड़ा ही नीचे है। बढ़ते पानी के दबाव को देखते हुए जल संसाधन विभाग और प्रशासन ने कई जगहों पर बांध की मरम्मत शुरू कर दी है। दनियावां के जीवनचक और चकराजा के पास महतमाईन नदी के जमींदारी बांध की मरम्मत की जा रही है। फतुहा में भी टूटे हुए बांध को दुरुस्त करने का काम चल रहा है।

बिहार फ़र्स्ट के रिपोर्टिंग अनुसार पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने राहत कार्यों को तेज करने के आदेश दिए हैं। प्रभावित गांवों में नावें लगाई जा रही हैं। सिर्फ धनरुआ में ही 29 नावें तैनात की गई हैं मनेर में 10 और नकटा दियारा में 15 नावें पहुंचाई गई हैं।

प्रभावित जिलों के अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

बहरामपुर और छाती पंचायत के मुखियाओं ने प्रशासन से तुरंत राहत और मुआवजे की मांग की है। इस बीच, बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने 8 राहत शिविर शुरू किए हैं जहां करीब 3,950 लोग शरण लिए हुए हैं। वहीं 329 सामुदायिक रसोईघरों के जरिए 1.28 लाख लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 82,000 पॉलिथीन शीट और 3,500 सूखे राशन पैकेट भी बांटे जा चुके हैं।

खेती में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके।

ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त 

सूत्रों के अनुसार बारिश के कारण ग्रामीणों का हाल बेहाल है। स्थिति यह है कि लोगों के पास खाने के लिए अनाज नहीं बच पाया है। घरों में पानी घुस जाने के कारण चूल्हा नहीं जाल पाया है। ग्रामीण अपने मवेशियों (जानवरों) को सड़क किनारे बांधने को मजबूर हैं। कई परिवार भूखे प्यासे हैं। गंदे पानी के घरों में घुसने से बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। गांव का संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न है जिसके कारण ग्रामीण ना अपने लिए अनाज जुटा पा रहे हैं और ना अपने मवेशियों के लिए। 

पांच नदियां उफान पर है 

धनरुआ प्रखंड में इस समय पांच नदियां दरधा, कररुआ, भूतही, बलदाही और लोकाईन सब उफान पर हैं। इन नदियों के कारण बहरामपुर, छाती, पभेड़ा और विजयपुरा पंचायत पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

विजयपुरा पंचायत के चार गांव तो पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। यहां लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है और मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी भारी पड़ रहा है। वहीं बहरामपुर और छाती पंचायत के मुखियाओं ने प्रशासन से जल्द राहत और मुआवजे की मांग की है।

 

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