स्वच्छ भारत अभियान अपने लक्ष्यों में अभी तक पूरी तरह सफल नहीं हुआ है। इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ लोगों की तरफ से पहल भी बहुत जरुरी है।
देश को खुले में शौचमुक्त, स्वच्छ और साफ बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान योजना (Swachh Bharat Abhiyan Scheme) की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत सरकार ने 5 साल में पूरे देश में 1.2 करोड़ शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा था। यह विश्व का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है।
ये भी देखें – बुंदेलखंड : स्वच्छता का प्रतीक शौचालय पर लटक रहे ताले
इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 1.08 लाख शौचालयों और 5.08 लाख सामुदायिक शौचालय के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। कुछ गाँव शौच मुक्त हो गए लेकिन कुछ गाँव जो होते हुए भी नहीं हो पाये क्योंकि वह सिर्फ कागजों में हुए। वहाँ के लोग आज भी बाहर जाते हैं। कुछ गाँव ऐसे हैं जहां शौचालय बना ही नहीं है जैसे बिहार के सीतामढ़ी जिले का यह मोतनाजे गाँव। यहाँ भी लोग रात के अंधेरे में टार्च के सहारे झाड़ियों में शौच के लिए जाते हैं। 300 परिवारों में 270 परिवार ऐसा है जहां शौचालय नहीं बना है।
ये भी देखें –
ललितपुर : शौच मुक्त गाँव में खुले में शौच, देखिए पोल खोलती ज़मीनी सच्चाई
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’