बिहार के जिला मुजफ्फरपुर, ब्लॉक सकरा, गाँव रामपुर बखरी में इस गर्मी के कारण बच्चों को चमकी बुखार हो रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीका भी लगाया जा रहा है।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस साल अब तक 14 बच्चों में एईएस (चमकी बुखार की) पुष्टि हुई है जिसमें 11 बच्चे ठीक होकर घर लौट चुके हैं। दो बच्चे की मौत हो चुकी है जबकि कई बच्चों का इलाज अभी चल रहा है।
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बता दें कि बीते कई सालों से उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर और इससे सटे जिले सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, समस्तीपुर और वैशाली में इस बीमारी का प्रभाव देखने को मिलता रहा है, हालांकि बीते दो सालों में एईएस का प्रभाव बहुत कम देखने को मिला था।
लेकिन इस साल बढ़ती गर्मी की वजह से अप्रैल की शुरुआत से ही बीमारी ने पैर पसारना शुरू कर दिया है।
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चमकी बुखार के लक्षण क्या हैं?
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है, शरीर में ऐंठन होती है। इसके अलावा कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश भी हो सकता है। कभी-कभी तो शरीर सुन्न भी हो जाता है और झटके लगते रहते हैं। इन लक्षणों पर ध्यान देने और डॉक्टर से संपर्क कर सही समय पर इलाज की जरूरत होती है।
चमकी बुखार से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें?
गर्मी के मौसम में फल हो या खाना, जल्दी खराब हो जाते हैं, इसलिए ध्यान रखें, बच्चों को ऐसी चीजों का सेवन न करने दें। साथ ही बच्चों को गंदगी से दूर रखें, खाना खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धुलाएं। बच्चों को साफ पानी पीने के लिए दें। इसके अलावा सबसे जरूरी बात कि उन्हें बाहर धूप में खेलने से मना करें।
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