अब शराब पीते हुए पकड़े जाने पर भी जेल नहीं जाना होगा बल्कि शराबियों को अब शराब तस्करों का पता बताना पडे़ेगा।
बिहार में शराबबंदी को लेकर नितीश सरकार ने बड़ा फैसला सुनाया है। राज्य सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, अब शराब पीते हुए पकड़े जाने पर भी जेल नहीं जाना होगा। शराब माफियों को पकड़ने के लिए एक नई योजना बनाई गयी है। यह फैसला आज हुई बैठक में लिया गया।
राज्य सरकार ने कहा है कि अब पुलिस शराब पीने वालों को जेल नहीं भेजेगी बल्कि शराबियों को अब शराब तस्करों का पता बताना पडे़ेगा। अगर पुलिस कार्यवाही और छापेमारी में शराब बेचने वाले की गिरफ़्तारी हो जाती है या शराब बरामद होती है तो शराब पीने वाले को गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा। यह जानकारी उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी द्वारा दी गयी है। अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इसे लेकर सभी जिलों के उत्पाद अधिकारियों को निर्देश भी दिया है।
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शराब माफियों का नाम बताने वाले को रखा जायेगा सुरक्षित
उपायुक्त, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग कृष्णा पासवान ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया कि अभी करीब पौने चार लाख लोग जेल में हैं। दूसरी बात है कि शराब पीना एक सामाजिक कुरीति है। जो पी रहे हैं, उन्हें सुधारा जा सकता है। साथ ही जो इसके पीछे हैं यानी जो शराब बेच रहे हैं या शराब पिला रहे हैं, उन्हें पकड़ा जाएगा। अब शराब माफ़िया जेल जाएंगे। शराब माफ़िया का नाम बताने वाले की सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट 8 मार्च को सुनाएगी फैसला
कैदियों की बढ़ती संख्या और बढ़ते मुकदमों को देखते सुप्रीम कोर्ट नीतीश सरकार से सवाल-जवाब कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा, क्या उसने ये कानून बनाने से पहले अदालती सिस्टम को लेकर कोई अध्ययन किया था? अगर किया था तो क्या सुविधाएं बढ़ाई गईं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत याचिकाओं के लंबित रहने पर भी चिंता जताई है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी।
आपको बता दें, बिहार में इन दिनों शराबियों और शराब तस्करों की भरमार है। इससे अदालत और जेल दोनों पर काफ़ी बोझ बढ़ा हुआ है। कई मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है या सुनवाई के लिए लंबी-लंबी तारीखें दी जा रही है। वहीं जेलों में भी शरबबंदी कानून की वजह से काफ़ी लोग जेल में भर रहे हैं।
शराब तस्करी से संबंधित आंकड़े
बिहार सरकार ने साल 2021 नवंबर में एक आंकड़ा ज़ारी किया था। आंकड़े के अनुसार, जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक विशेष छापेमारी कर प्रदेश के जिलों में 49 हज़ार 900 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी जिसमें शराबी और शराब तस्कर शामिल थे। साथ ही इस दौरान कुल 38 लाख 72 हज़ार 645 लीटर अवैध शराब भी ज़ब्त की गई थी।
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शराब तस्करों पर रखी जायेगी नज़र
बिहार सरकार शराबबंदी से हुए फायदे यानी कि कितने लोगों ने शराब को छोड़ दिया है, इसका सर्वे कराने जा रही है। वहीं शराब तस्करों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है।
बिहार में साल 2016 अप्रैल में शराबबंदी कानून लागू हुआ था। इसके बाद विपक्ष ने भी सरकार पर काफ़ी सवाल उठाये थे। यहां तक की पुलिस के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाये गए थे। अब देखना यह है कि बिहार सरकार की यह नीति कितनी सफल होती है व सुप्रीम कोर्ट इस योजना पर अपना क्या फैसला सुनाती है।
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