“बिहार लघु उद्यमी योजना” के तहत हर गरीब परिवार के कम से कम एक सदस्य की नौकरी के लिए पांच साल में दो लाख की आर्थिक मदद दी जायेगी, जिससे वो अपना कोई छोटा व्यापार शुरू कर सकें।
बिहार राज्य सरकार 94 लाख परिवारों को “बिहार लघु उद्यमी योजना” के तहत दो-दो लाख रुपये देगी। यह फैसला कैबिनेट में मंगलवार 16 जनवरी को पटना में हुई बैठक में लिया गया। बता दें, लोगों को यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी।
“बिहार लघु उद्यमी योजना” के तहत हर गरीब परिवार के कम से कम एक सदस्य की नौकरी के लिए पांच साल में दो लाख की आर्थिक मदद दी जायेगी, जिससे वो अपना कोई छोटा व्यापार शुरू कर सकें।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 नवंबर 2023 को विधानसभा में इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी।
जाति-आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट
जाति-आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 94,33,312 परिवार हैं, जो 6,000 रुपये प्रति माह या उससे कम की आय से अपना जीवन चलाते हैं। अब राज्य सरकार बिहार “लघु उद्यमी योजना” के तहत उद्यमिता और स्वरोजगार के लिए प्रत्येक को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय आधारित गणना के तहत हर गरीब परिवार को ₹200000 देने की बात को स्पष्ट कर दिया है।
योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन आवेदन के लिए यहां क्लिक करें।
“बिहार लघु उद्यमी योजना” की योग्यता
-आवेदन करने वाले की उम्र 18 से 50 साल के बीच की हो।
-बिहार का निवासी।
-आवेदक के आधार कार्ड पर बिहार का पता हो।
-6,000 रुपये प्रति माह वेतन हो।
आवेदन के बाद लॉटरी सिस्टम के ज़रिये उन लोगों का चयन किया जाएगा, जिन्हें राशि दी जाएगी।
तीन किस्तों में दी जाएगी राशि
- पहली किश्त में 25 फीसदी
- दूसरे में 50 फीसदी
- और तीसरे में 25 फीसदी
- पहले चरण में पचास हजार,
- दूसरे में एक लाख और
- तीसरे में पचास हजार रुपये मिलेंगे।
योजना का लाभ पांच वर्षों में पूरा होगा।
62 प्रकार के व्यापार को किया शामिल
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत आटा, सत्तू, मसाला उत्पादन, नूडल्स, पापड़,मोमबत्ती उत्पादन से लेकर बिजली पंखा एसेंबलिंग, इनवर्टर, यूपीएस, सीसीटीवी एसैंबलिंग जैसे करीब 62 ऐसे उद्योगों को शामिल किया है, जिसके लिए राशि दी जाएगी।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’