खबर लहरिया Blog Bihar Election Related News: कांग्रेस द्वारा जारी किया गया ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ पत्र

Bihar Election Related News: कांग्रेस द्वारा जारी किया गया ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ पत्र

कांग्रेस ने वादा किया है कि यदि उसका गठबंधन सरकार बनाता है तो जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इसके साथ आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म कर दी जाएगी। 

Rahul Gandhi promising the Most Backward Classes Justice Resolution

अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र का वादा करते हुए राहुल गांधी (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

अब इस बात से कोई अंजान नहीं है कि बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाला है। इसी दौरान सभी रजिनीतिक पार्र्टियां का वादा का पिटारा खुल गया है। लगातार नेताओं द्वारा घोषणा और वादा किया जा रहा है। इसी से जुड़े भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 25 सितंबर 2025 को वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए नया क़ानून लाया जाएगा। इसी बीच कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जाति आधारित रैलियों पर लगाए गए प्रतिबंध की आलोचना की। पटना में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे गलत बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में पार्टी कार्यसमिति की बैठक में अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम की निंदा की। 

क्या है यह पत्र? 

वहीं राहुल गांधी ने ईबीसी के लिए इंडिया ब्लॉक की 10 सूत्री योजना जारी की है। इसमें खास तौर पर एक ऐसा क़ानून बनाने का वादा है जो SC/ST अत्याचार क़ानून निवारण की तरह ईबीसी को भी क़ानून सुरक्षा देगा। 

उनका मानना है कि अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग को अभी भी समाज में उचित भागीदारी नहीं मिल पाई है। इसके साथ ही आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म कर दी जाएगी। वो पटना में 24 सितंबर 2025 को ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- इन वादों के पीछे सोच थी कि आज भी देश में अतिपिछड़ा, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्गों को जितनी भागीदारी मिलनी चाहिए, वो नहीं मिलती है। 

पटना में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ मिलकर इस ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ पत्र को जारी किया है। मुकेश सहनी ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की थी, जिससे उनका जीवन बेहतर बन सका। आगे कहा कि खुद को अति पिछड़ा समाज से आने वाला बताते हुए कहा कि वीआईपी को मिलने वाले सीटों में 37% अति पिछड़ा समाज से उम्मीदवार बनाए जाएंगे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि महागठबंधन सामाजिक और आर्थिक न्याय के साथ-साथ राजनीति में भागीदारी भी देने का काम करेगा। 

‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ 10 सूत्री योजना 

राहुल गांधी ने एक्स पर 10 सूत्री योजना को लिखा है और कहा है कि बिहार में बहुजनों को उनका पूरा हक़ और अधिकार दिलाने के लिए आज हमने ऐतिहासिक ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ जारी किया है।

  1. आरक्षण की 50% सीमा बढ़ाने के लिए पास कानून को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजेंगे।
  1. पंचायत-नगर निकाय में आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% होगा।
  1. सभी प्राइवेट कॉलेज-यूनिवर्सिटी में आरक्षण लागू होगा।
  1. नियुक्तियों में “Not Found Suitable” जैसी व्यवस्था खत्म होगी।
  1. अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में सही प्रतिनिधित्व के लिए कमेटी बनेगी।
  1. SC/ST/OBC/EBC के आवासीय भूमिहीनों को जमीन मिलेगी (शहर: 3 डेसिमल, गांव: 5 डेसिमल)।
  1. प्राइवेट स्कूलों की आधी आरक्षित सीटें SC/ST/OBC/EBC बच्चों को मिलेंगी।
  1. ₹25 करोड़ तक के सरकारी ठेकों में 50% आरक्षण SC/ST/OBC/EBC को।
  1. अतिपिछड़ों के ख़िलाफ़ अत्याचार रोकने का कानून बनेगा।
  1. आरक्षण देखने के लिए प्राधिकरण बनेगा, सूची में बदलाव केवल विधानसभा करेगी।

नगर निकायो और पंचायत में पिछड़ा वर्ग में आरक्षण की बढ़ोतरी की जाएगी।

‘अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ बनाया जाएगा, ताकि इस वर्ग पर होने वाले अत्याचारों को रोका जा सके। पंचायत और नगर निकायों में अति पिछड़ा वर्ग के लिए मौजूदा 20 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाएगा। आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को बढ़ाने के लिए कानून बनाकर उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।

संसोधन के लिए बनेगी नई कमेटी 

सरकार ने घोषणा की है कि अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी की सूची में सुधार के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी ताकि सभी योग्य लोगों को इसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही जिन परिवारों के पास ज़मीन नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्रों में तीन डेसिमल और ग्रामीण इलाक़ों में पांच डेसिमल आवासीय जमीन दी जाएगी। यह सुविधा अति पिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के भूमिहीन परिवारों को मिलेगी। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव किए जाएंगे जिसके तहत निजी स्कूलों में आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा इन वर्गों के बच्चों के लिए तय किया जाएगा। 

 

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