एक ओर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा का आज यानी 26 अगस्त 2025 को 10वां दिन है। दूसरी ओर यह सामने आया है कि मतदाता सूची से हटाए गए नामों में महिलाओं की संख्या पुरुषों के तुलना में अधिक है।
बिहार में विधान सभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण (SIR) विवादों में आ गया। कई जगहों से शिकायतें आईं कि जीवित लोगों को मृत दिखाकर मतदाता सूची से उनके नाम काट दिए गए। नए मतदाताओं के नाम जोड़ने में भी गड़बड़ी हुई। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने 17 अगस्त 2025 को सासाराम से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की। यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव कई बार मोटरसाइकिल पर साथ-साथ नजर आए जिससे विपक्ष की एकता का संदेश भी गया।
आज राहुल संग प्रियंका गांधी भी यात्रा पर
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा का आज यानी 26 अगस्त 2025 को 10वां दिन है। यह यात्रा बिहार के 20 जिलों से होकर गुज़रेगी। आज उनकी इस यात्रा में प्रियंका गांधी भी शामिल हैं। इसके साथ ही वाड्रा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी समेत कई बड़े नेता शामिल हैं। यह यात्रा आज सुपौल से शुरू हुई है जिसके बाद यात्रा मधुबनी पहुंचेगी। इसके बाद आज शाम यात्रा दरभंगा जिले में प्रवेश कर जाएगी। प्रियंका गांधी ने 26–27 अगस्त को सुपौल और सीतामढ़ी में यात्रा में हिस्सा लिया है।
इसके पहले की यात्रा और कहां-कहां से गुजरी
यह यात्रा पूरे 16 दिन चलने वाली हैं और करीब 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस दौरान यह यात्रा बिहार के 20 जिलों से होकर गुज़रेगी। अब तक यह गया, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार और पूर्णिया जैसे इलाकों से होकर गुजर चुकी है। आगे यह यात्रा मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, सारण, भोजपुर होते हुए पटना पहुंचेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ विपक्ष की नहीं बल्कि हर नागरिक के मतदान अधिकार की है। उनका आरोप है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर जनता का अधिकार छीना जा रहा है और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मतदता सूची से हटाए गए नामों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक
एक तरफ़ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पूरे जोश के साथ चल रही है, वहीं दूसरी तरफ़ यह सामने आया है कि मतदाता सूची से हटाए गए नामों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। बिहार में चल रहे विवादित विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान चुनाव आयोग ने 18 अगस्त को जो आंकड़े जारी किए उसमें बताया गया कि पटना, मधुबनी और पूर्वी चंपारण ज़िलों में सबसे ज्यादा नाम हटाए गए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है और 18 से 40 साल के मतदाता हटाए गए कुल नामों का एक-तिहाई से भी ज्यादा हैं। इसकी जानकारी इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट से मिली।
मतदाता सूची के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के तीन बड़े जिलों में कुल 10.63 लाख नाम काटे गए हैं। यह संख्या राज्य के 38 जिलों में हटाए गए कुल 65 लाख नामों का लगभग 16% है। ये तीन जिले राज्य के चार सबसे अधिक आबादी वाले जिलों में आते हैं और इन जिलों में कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 36 क्षेत्र शामिल हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में इन तीन जिलों में भाजपा-जद(यू) गठबंधन ने 22 सीटें और विपक्षी महागठबंधन (जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल शामिल हैं) ने 14 सीटें जीती थीं। इन 36 सीटों में से 25 सीटों पर हटाए गए मतदाताओं की संख्या उस सीट पर जीतने वाले उम्मीदवार के वोट अंतर से भी ज्यादा है। इनमें से 18 सीटें भाजपा-जद(यू) गठबंधन के पास हैं।
इन तीन जिलों में हटाए गए मतदाताओं में 40 साल से कम उम्र के लोग बहुत हैं। इन लोगों को चुनाव आयोग के एसआईआर के तहत नागरिकता का प्रमाण देना था क्योंकि वे 2003 की अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं थे। कुल हटाए गए मतदाताओं में 4.02 लाख लोग (लगभग 38%) इसी उम्र के थे। इन जिलों में महिला मतदाताओं के नाम पुरुषों की तुलना में ज्यादा हटाए गए। कुल 5.67 लाख हटाए गए मतदाताओं में से लगभग 53% महिलाएं थीं। हालांकि इन तीन जिलों की 36 विधानसभा सीटों में हर जगह पुरुष मतदाताओं की संख्या महिलाओं से ज्यादा है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हुई भारी कटौती और एसआईआर की प्रक्रिया ने राज्य के चुनावी माहौल को गहराई से प्रभावित किया है। युवा और महिला मतदाता इस प्रक्रिया से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। राहुल गांधी और विपक्ष की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इस बात का संकेत है कि मतदाता अपने अधिकारों के लिए जागरूक हों और किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त न करें। यह अभियान न सिर्फ विपक्ष की लड़ाई है बल्कि हर नागरिक के मतदान अधिकार की रक्षा की लड़ाई है।
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