खबर लहरिया Blog Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग के बीच वोट चोरी के आरोप, कहीं EVM खराबी तो कहीं कटा नाम 

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग के बीच वोट चोरी के आरोप, कहीं EVM खराबी तो कहीं कटा नाम 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब तक का सबसे ज़्यादा 66.9% मतदान दर्ज किया गया है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही। लेकिन इस रिकॉर्ड वोटिंग के बीच कई जिलों से वोट चोरी, मतदाता सूची से नाम गायब होने, और EVM खराबी जैसी घटनाओं की खबरें सामने आईं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा में फर्जी वोटिंग का मुद्दा उठाकर सवाल और गहरा कर दिया।     

फोटो साभार: खबर लहरिया

बिहार विधानसभा चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके हैं। 6 और 11 नवंबर को हुए दो चरणों के मतदान ने राज्य की सियासत को नई दिशा दी है। तीसरा और अंतिम चरण समाप्त होने के बाद 14 नवंबर को मतगणना होगी जिसका बेसब्री से इंतिज़ार किया जा रहा है। इस चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ जो अब तक के विधानसभा चुनावों में सर्वाधिक है। 

Election Commission of India

फोटो साभार: Election Commission of India                                 

यह बढ़ता हुआ मतदान प्रतिशत जनता की जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को दर्शाता है। हालाँकि इसी बीच कई स्थानों से वोट चोरी मतदाताओं को मतदान से रोकने और वोट चोरी जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बीते दिनों इस मुद्दे को उठाते हुए दावा किया कि हरियाणा में चुनाव के दौरान एक विदेशी महिला की तस्वीर लगाकर वोट करने का आरोप लगाया। इन आरोपों के बीच चुनाव का माहोल और भी गर्माता नजर आया। 

Haryana Vote Theft and the Brazilian Woman: राहुल गांधी का दावा – हरियाणा में फर्जी वोटिंग, ब्राज़ील की महिला की तस्वीर पर मचा बवाल

मतदान में महिलाओं की संख्या अधिक 

बता दें पहले चरण में 6 नवंबर को 121 निर्वाचन क्षेत्रों में अब तक का सबसे ज़्यादा 64.69% मतदान दर्ज किया गया था। दूसरे चरण में मंगलवार 11 नवंबर को 122 विधानसभा क्षेत्रों में 68.52% मतदान हुआ। दोनों चरण में महिलाओं का कुल प्रतिशत 71.6% रहा जबकि पुरुष मतदाताओं का मतदान 62.8% रहा। यानी इस बार महिलाओं की भागीदारी ज्यादा रही। अभी तक पहले चरण में मतदान प्रतिशत में पूरे आंकड़ें निकलकर सामने नहीं आये थे जिसे लेकर विपक्ष भी सत्ता पक्ष पर आरोप लगा रहा था लेकिन कल दूसरे चरण के मतदान खत्म होने के बाद ही चुनाव आयोग ने दोनों चरणों के मतदान प्रतिशत का खुलासा कर दिया है। 

अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार चुनाव पर कहा “बिहार के मतदाताओं ने 1951 से अब तक हुए सभी चुनावों में सर्वाधिक प्रतिशत वोटिंग की जो लगभग 66.9% है। हमारी माताओं और बहनों ने चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा जताया है और 1951 से अब तक हुए सभी चुनावों में सबसे ज़्यादा 71% मतदान दर्ज किया है। बिहार में हुए इन पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनावों ने पूरे भारत को राह दिखाई है। चुनाव आयोग हमेशा अपने मतदाताओं के साथ खड़ा था खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।”

वोट चोरी और गड़बड़ी के आरोप 

कुछ इलाकों से मतदाताओं को मतदान केंद्रों से लौटाए जाने और मशीनों की गड़बड़ी जैसी शिकायतें आईं। बिहार में पहले चरण के मतदान के दौरान खबर लहरिया की रिपोर्ट में सामने आया कि महिला अनीता देवी की जगह किसी और ने वोट दे दिया और बूथ में किसी ने ध्यान नहीं दिया। अनीता देवी अपनी कहती हैं “वोट मेरे नाम पर इन्होंने दे दिया। जब मैं गई तो उन्होंने वापस भेज दिया कि आपकी जगह दूसरे व्यक्ति ने वोट दे दिया है।” इसके बाद जिस महिला ने अनीता देवी के नाम पर वोट डाला। वह कहती हैं “इसमें मेरी गलती नहीं है, मैडम की गलती है।”                 

picture of rural woman

ग्रामीण महिला की तस्वीर (फोटो साभार: सुमन)

पटना के मसौड़ी ब्लॉक निशियामा गांव में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। ऐसा ही रिपोर्टिंग के दौरान एक युवक ने बताया कि उसका नाम काट दिया गया। उन्होंने कहा” हम अपना नाम लिस्ट में खोज रहे थे लेकिन हमारा नाम काटा हुआ है। हम मतदान करने पहुंचे तब हमको पता लगा कि नाम काटा गया है इससे पहले हमारा नाम ऑनलाइन में दिखा रहा था जबकि हम इससे पहले भी कई बार वोट दे चुके हैं, लोकसभा चुनाव में भी वोट दे चुके हैं।” 

फोटो साभार: सुमन          

एक और युवक ने बताया कि उनके वार्ड में ऐसे 25 से 30 लोग हैं जिनके नाम मतदान सूची से कट गया था। 

इसके अलावा अन्य जगहों से भी लगातार कुछ इसी तरह की खबरें आती रहीं। समाजवादी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर बिहार चुनाव में बार बार बिजली कटौती का आरोप लगाया जिससे वोटिंग स्लो कराई जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल पार्टी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर एक वायरल वीडियो के साथ पोस्ट शेयर किया। इसमें लिखा गया कि वोटर जब पहुँच रहे हैं तो कहा जा रहा है कि तुम्हारा वोट गिर गया है। 

कुछ जगहों में मतदाताओं को मतदान देने से भी रोकने की कोशिश की गई जो सोशल मीडिया पर वायरल होती रही। सोशल मीडिया X पर वायरल एक वीडियो में यह बताया जा रहा है कि बिहार के दानापुर में नसीरगंज घाट पर मतदाताओं को रोकने की कोशिश की जा रही है।

वोट देने गए परिवार में से एक परिवार का एक महिला का मतदान पर्ची में नाम अलग था और उनका फोटो भी अलग लगा था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका वोट चोरी हुआ है। 

दैनिक भास्कर के रिपोर्ट अनुसार दस जिलों में EVM खराब हुए थे और लोग वोट चोर के नारे लगाते हुए नजर आए। 

इसके अलावा एक और खबर सामने आई जिसमें समस्तीपुर के सरायनरंजन क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में EVM से निकलने वाले VVPAT पर्चियां फेंकी हुई मिली। 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में गोरियाकोठी विधानसभा क्षेत्र में जब वहां BJP के उम्मीदवार देवेशकांत सिंह पहुंचे तो जनता ने “वोट चोर” के नारे लगाना शुरू कर दिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने भी अपने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए लिखा – पूरे बिहार में आज BJP के नेताओं और कैंडिडेट को जनता खदेड़ते नजर आई। यह वीडियो गोरियाकोठी विधानसभा का है, जहां BJP के कैंडिडेट देवेशकांत सिंह को जनता ‘वोट चोर’ के नारे लगाकर भगा रही है। जनता जाग चुकी है वोट चोरों का खेल ख़त्म हो चुका है।

चुनाव आयोग की चुप्पी और जनता के सवाल

इन तमाम आरोपों और वायरल वीडियो के बीच अब तक चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मतदान के बाद आयोग ने सिर्फ मतदान प्रतिशत जारी किए हैं और शांतिपूर्ण मतदान की बात कही है लेकिन वोट चोरी, EVM खराबी और मतदाता सूची से नाम गायब होने जैसी घटनाओं पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया गया है।

लोकतंत्र की परीक्षा और उठते सवाल 

बिहार में इस बार रिकॉर्ड मतदान ने एक तरफ यह साबित किया है कि जनता लोकतंत्र में गहरा विश्वास रखती है लेकिन दूसरी तरफ लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों ने इस विश्वास पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
जहां एक ओर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना है कि “बिहार ने 1951 से अब तक का सबसे पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव देखा” वहीं दूसरी ओर मतदाताओं की शिकायतें सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और विपक्षी दलों के आरोप बताते हैं कि ज़मीनी हकीकत कुछ और भी हो सकती है।

जनता के बीच अब यह चर्चा है कि अगर मतदान में इतनी भारी भागीदारी हुई तो फिर इतने सारे वोट चोरी या फर्जीवाड़े की खबरें क्यों आईं? क्या यह तकनीकी खामियाँ हैं या प्रशासनिक लापरवाही? लोकतंत्र का असली सौंदर्य तभी कायम रह सकता है जब हर नागरिक का वोट सही जगह पहुंचे और हर आवाज़ का सम्मान हो। अगर मतदाताओं का भरोसा डगमगाता है तो यह सिर्फ किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि पूरे लोकतांत्रिक तंत्र की हार होगी।

 

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