बिहार के पटना में बढ़ते जाम को देखते हुए प्रशासन ने सख़्त कदम उठाने की तैयारी की है। शहर में ट्रैफिक की समस्या लगातार बिगड़ती जा रही है खासकर दफ़्तर आने-जाने के समय जब लोग घंटों सड़कों पर फंसे रहते हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सामान्य दूरी तय करने में भी बहुत समय लग रहा है।
देश में इन दिनों एक तरह का बुलडोज़र राज देखने को मिल रहा है जहां यह दावा किया जाता है कि कार्रवाई केवल अवैध निर्माण या गैर-कानूनी तरीके से बसे लोगों के ख़िलाफ़ की जा रही है। यह प्रवृत्ति अब देश के लगभग आधे राज्यों में फैल चुकी है। हाल ही में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए जिनमें एनडीए की सरकार बनी। एक तरफ़ चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए गए और दूसरी तरफ़ चुनाव के तुरंत बाद बुलडोज़र की कार्रवाइयों में तेज़ी देखने को मिली। इसमें बुलडोज़र का अलग अलग कारण बताया जा रहा है।
बिहार के पटना में बढ़ते जाम को देखते हुए प्रशासन ने सख़्त कदम उठाने की तैयारी की है। शहर में ट्रैफिक की समस्या लगातार बिगड़ती जा रही है खासकर दफ़्तर आने-जाने के समय जब लोग घंटों सड़कों पर फंसे रहते हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सामान्य दूरी तय करने में भी बहुत समय लग रहा है। इसी स्थिति को सुधारने के लिए पटना की 12 सबसे ज़्यादा भीड़ वाली सड़कों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने नगर निगम जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को मिलकर तुरंत अभियान शुरू करने और 6 दिसंबर 2025 तक हर हाल में कार्रवाई पूरी करने को कहा है। प्रशासन का मानना है कि सड़कों पर फैला अव्यवस्थित कब्ज़ा हटते ही ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
8 दिसंबर को देंगे रिपोर्ट
प्रभात खबर के अनुसार, प्रशासन ने साफ कर दिया है कि 7 दिसंबर 2025 से अतिक्रमण करने वालों पर सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी। अधिकारियों को हर कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट ऊपर तक भेजनी होगी ताकि किसी भी कदम का स्पष्ट रिकॉर्ड रहे। इसी के साथ प्रमंडलीय आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया है कि 8 दिसंबर को होने वाली बैठक में डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त और अन्य जिम्मेदार अधिकारी शहर की मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी पेश करें। इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही अगले कदम और आगे की योजना तय की जाएगी।
किस पर होगी कार्यवाही
जानकारी के अनुसार पटना में शुरू किए जा रहे इस अभियान के तहत शहर को अव्यवस्था से मुक्त करने की तैयारी की जा रही है। सबसे पहले खटालों को हटाया जाएगा और सड़क किनारे मवेशी बांधकर रखने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जो लोग सड़क पर बालू-गिट्टी या ईंट-मलबा रखकर व्यापार करते हैं उन्हें जुर्माना भरना होगा। गलत पार्किंग करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई तय है जुर्माने के साथ वाहन जब्त तक किए जा सकते हैं। सड़क किनारे बिना अनुमति चल रहे गैराजों को एक दिन का नोटिस दिया जाएगा और उसके बाद उन्हें हटाया जाएगा। पुराने और खराब हालत वाले वाहनों को सड़क पर छोड़ने वालों के खिलाफ भी कार्रवाही होगी। जहां-जहां सड़क पर कूड़ा फेंका गया है वहां न सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा बल्कि सफाई कराना भी जरूरी होगा।
अभियान का मकसद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारना जाम कम करना और लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा देना है। प्रशासन का कहना है कि इन सख्त कदमों से जल्द ही सड़कों पर भीड़ कम होगी और आम लोगों को राहत मिलेगी।
12 सड़कों पर होगी कार्यवाही
इन 12 इलाक़ों में रोजाना जाम लगने के कारण इसे पहले चरण में शामिल किया गया है।
– सगुना मोड़ से दानापुर स्टेशन
– शेखपुरा रोड से रुकनपुरा
– बोरिंग रोड
– बोरिंग कैनाल रोड से राजापुर पुल
– अटल पथ
– बेउर मोड़ से पहाड़ी
– पटना जंक्शन के आसपास
– कंकड़बाग मेन रोड
– कंकड़बाग टेंपो स्टैंड से शालीमार स्वीट्स
– गांधी मैदान के चारों ओर
– गांधी मैदान से दीघा रोड
– गांधी मैदान से पटना सिटी तक अशोक राजपथ
दूसरी तरफ बिहार में नई बनी NDA सरकार के शुरू होते ही कई जिलों में तेज़ी से बुलडोज़र कार्रवाई की खबरें सामने आने लगी हैं। पटना, खगड़िया, किशनगंज, नालंदा, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और वैशाली सहित कई जगहों पर लगातार अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई जा रही है। इसी वजह से राज्य की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार गरीबों को निशाना बना रही है और यह कार्रवाई चुनिंदा जगहों पर ही की जा रही है।
इसी माहौल के बीच डिप्टी सीएम और गृह मंत्री सम्राट चौधरी को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है। कई लोग उन्हें ‘बुलडोज़र बाबा’ या ‘बिहार का योगी मॉडल’ जैसी उपाधियां दे रहे हैं। 4 दिसंबर 2025 को जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी तब सम्राट चौधरी ने इस छवि पर प्रतिक्रिया दी और साफ कहा “मेरा नाम सम्राट चौधरी है बुलडोज़र नहीं।”
सदन में विपक्ष का हमला
RJD के मुख्य सचेतक कुमार सर्वजीत ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार गरीबों पर बुलडोज़र चला रही है और मीडिया भी डिप्टी सीएम को ‘बुलडोज़र बाबा’ कहकर पुकार रही है। उनके अनुसार यह कदम मानवीय दृष्टि से गलत है।
कई विधायकों ने जताई आपत्ति
सहरसा के विधायक आईपी गुप्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी को “स्मार्ट बुलडोज़र” चलाना चाहिए जिसमें इंसानियत का ध्यान रखा जाए। वहीं माले विधायक अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि कई जगह हाईकोर्ट के निर्देशों की अनदेखी की गई है जबकि कोर्ट ने साफ कहा है कि बिना पुनर्वास के किसी घर को नहीं तोड़ा जा सकता।
सरकार की तरफ से सफाई
अपनी बारी आने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में बुलडोज़र किसी व्यक्तिगत इच्छा से नहीं चल रहा बल्कि अदालत के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज है और उसी के अनुसार अतिक्रमण हटाया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि माफियाओं पर भी बुलडोज़र चलेगा और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने भी माफिया पर कार्रवाई जारी रहने की बात कही जबकि AIMIM के अख्तरूल ईमान ने फिर दोहराया कि सरकार गरीब परिवारों पर दबाव बना रही है।
सदन के बाहर से अंदर तक पहुंचकर विवाद
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कई स्थानों पर लोगों ने टीम का विरोध भी किया था। 3 दिसंबर 2025 को भाकपा-माले ने सड़क पर उतरकर इस अभियान के खिलाफ प्रदर्शन किया। अब यह टकराव सड़क से बढ़कर विधानसभा तक पहुंच गया है जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आमने-सामने हैं।
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