खबर लहरिया Hindi GST पर बड़ा बदलाव, सरकार ने किया दो स्लैब सिस्टम लागू, कई चीजें सस्ती तो कुछ पर टैक्स बढ़ा

GST पर बड़ा बदलाव, सरकार ने किया दो स्लैब सिस्टम लागू, कई चीजें सस्ती तो कुछ पर टैक्स बढ़ा

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब दूध, पनीर, पराठा, पिज्जा ब्रेड, खाखरा और रोटी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि मक्खन, घी, जैम, सॉस, सूप, पास्ता, नमकीन और मिठाइयों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 12 से 18 प्रतिशत तक था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तस्वीर (फोटो साभार : सोशल मीडिया)

भारत सरकार द्वारा देश भर के करोड़ों उपभोक्ताओं और कारोबारियों को राहत देते हुए GST प्रणाली में बदलाव किया है। अब तक कई तरह के टैक्स स्लैब की जगह सिर्फ दो प्रमुख स्लैब – 5% और 18% रखे गए हैं। यह नया सिस्टम 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। सरकार का दावा है कि इससे टैक्स ढांचा आसान होगा और महंगाई पर भी काबू पाया जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने दिवाली से ठीक पहले लोगों को राहत देते हुए GST दरों में बड़ा बदलाव किया है। अब दूध, दवा, खाने-पीने की चीजें, सीमेंट, छोटी कार और बाइक जैसी कई ज़रूरी और रोज़मर्रा की वस्तुएं पहले से सस्ती मिलेंगी। हालांकि, जो लोग शौक के सामान खरीदते हैं उन्हें अब ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। जैसे कि सिगरेट पीना या पान मसाला खाना पहले से महंगा हो गया है।

बैठक में हुआ बड़ा फैसला

3 सितंबर 2025 को हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब देश में सिर्फ दो स्लैब – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत ही रहेंगे। पहले 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब में आने वाली अधिकांश ज़रूरी वस्तुओं को हटा दिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने विलासिता और हानिकारक वस्तुओं जैसे पान मसाला, सिगरेट और महंगी गाड़ियों के लिए 40 प्रतिशत टैक्स का अलग स्लैब तय किया है। सरकार का यह नया GST ढांचा पूरे देश में 22 सितंबर 2025 से लागू हो जाएगा। GST परिषद की 56वीं बैठक में सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिनका असर सीधे आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। इस बदलाव के बाद करीब 175 वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। सबसे बड़ी राहत यह है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा।

फोटो साभार : रचना

क्या-क्या चीजें हुई हैं सस्ती और क्या-क्या चीजें हुई हैं महंगी

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब दूध, पनीर, पराठा, पिज्जा ब्रेड, खाखरा और रोटी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि मक्खन, घी, जैम, सॉस, सूप, पास्ता, नमकीन और मिठाइयों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 12 से 18 प्रतिशत तक था। इसके अलावा सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता, काजू के साथ खजूर और खट्टे फलों पर भी सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। इन बदलावों से रोज़मर्रा की ज़रूरी खाने-पीने की चीज़ें अब पहले से सस्ती हो जाएंगी और आम जनता को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।

स्वास्थ्य से जुड़ी राहत

जीएसटी में हुए बदलावों से स्वास्थ्य, घरेलू सामान और हाउसिंग-ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ी राहत मिली है। स्वास्थ्य क्षेत्र में अब एगल्सिडेस बीटा, ओनासेमनोजेन, डाराटुमुमैब और एलेक्टिनिब जैसी ज़रूरी जीवनरक्षक दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं ज्यादातर दवाइयों, मेडिकल उपकरणों, डायग्नोस्टिक किट, थर्मामीटर, पट्टियां और ऑक्सीजन पर टैक्स घटाकर 12–18 प्रतिशत से सिर्फ 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

घरेलू सामान पर राहत

रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामानों में भी अब जेब हल्की होगी। हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, साबुन, शेविंग आइटम, टैल्क पाउडर, टूथब्रश, मोमबत्तियां, माचिस और स्टेशनरी जैसे पेंसिल, रबड़, शार्पनर और नोटबुक पर भी जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। बच्चों के खिलौने, खेल-कूद का सामान, हैंडीक्राफ्ट और बांस-बेंत से बने फर्नीचर भी अब सस्ते मिलेंगे।

बादाम, पिस्ता, हेज़लनट, काजू और खजूर पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा। पहले इन पर 12% टैक्स लगता था। रिफाइंड शुगर, शुगर सिरप और टॉफी-कैंडी जैसी मिठाई पर अब 5% टैक्स लगेगा। वेजिटेबल ऑयल, एनिमल फैट, एडिबल स्प्रेड, सॉसेज, मीट प्रिपरेशन, फिश प्रोडक्ट और माल्ट एक्सट्रैक्ट वाले पैक्ड फूड पर अब 5% टैक्स लगेगा।

हाउसिंग और ट्रांसपोर्ट की टैक्स

वहीं हाउसिंग और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी चीज़ों में भी राहत दी गई है। सीमेंट पर टैक्स 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा ट्रैक्टर, साइकिल, 350 सीसी तक की बाइक, छोटी कारें, इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड वाहन और एम्बुलेंस पर पहले से कम टैक्स लगेगा। पर्यावरण अनुकूल सामग्री जैसे संगमरमर, ग्रेनाइट ब्लॉक और फसल के अवशेषों से बने पार्टिकल बोर्ड पर भी सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।

जीएसटी परिषद की नई बैठक के बाद तंबाकू और हानिकारक उत्पादों की कीमतें बढ़ गई हैं। अब पान मसाला, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू और सिगरेट पर टैक्स 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह कोल्ड ड्रिंक, कैफीन वाले ड्रिंक और फलों से बनी फिज़ी ड्रिंक्स पर भी 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

लग्जरी सामान पर भी टैक्स बढ़ा है। 1200–1500 सीसी से बड़े इंजन वाली कारें, एसयूवी, 350 सीसी से ज्यादा की बाइक, यॉट, प्राइवेट जेट और हथियार जैसे रिवॉल्वर-पिस्तौल अब महंगे हो गए हैं, क्योंकि इन पर भी जीएसटी 40 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा कुछ और चीज़ों पर भी टैक्स बढ़ाया गया है। कोयला, लिग्नाइट और पीट पर 5 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

डीज़ल में बिना मिलाए जाने वाले बायोडीजल पर भी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत टैक्स कर दिया गया है। ₹2,500 से महंगे कपड़े, प्रीमियम वस्त्र और महंगी सूती रजाइयाँ अब 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आएँगी। साथ ही अनकोटेड और क्राफ्ट पेपर जैसे पेपर उत्पादों पर भी 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा।

खाद पर टैक्स

खाद पर टैक्स 12 प्रतिशत /18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गया है। कुछ खास खेती में इस्तेमाल होने वाली चीजों, जैसे बीज और फसल के लिए जरूरी पोषक तत्वों पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जान बचाने वाली दवाएं, हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट और कुछ मेडिकल डिवाइस पर टैक्स 12 प्रतिशत /18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत या जीरो हो गया है। कुछ खास बिजली के उपकरण जैसे एंट्री-लेवल और ज्यादा इस्तेमाल होने वाले आइटम पर टैक्स 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगा। जूते-चप्पल और कपड़ों पर GST 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे आम लोगों के लिए ये चीजें सस्ती हो जाएंगी। ट्रैक्टर टायर और पुर्जे: पहले 18 प्रतिशत, अब 5 प्रतिशत। ट्रैक्टर: पहले 12%, अब 5%। कीटनाशनक और सूक्ष्म पोषक तत्व: पहले 12 प्रतिशत, अब प्रतिशत। ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंक्लर: पहले 12 प्रतिशत, अब 5 प्रतिशत। खेतीबाड़ी में काम आने वाली मशीनें: पहले 12 प्रतिशत, अब 5 प्रतिशत

मोबाइल पर जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी को बरकरार रखा गया है। इंडस्ट्री लंबे समय से इस पर जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी करने की मांग कर रही थी लेकिन जीएसटी काउंसिल ने इसे नहीं माना।

मानचित्र, चार्ट्स और ग्लोब, पहले 12 प्रतिशत, अब 0। पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन्स और पेस्टल्स, पहले 12 प्रतिशत, अब 0। अभ्यास बुक और नोटबुक, पहले 12 प्रतिशत, अब 0। इरेजर, पहले 5 प्रतिशत, अब 0

वित्त मंत्री का कथन

जीएसटी काउंसिल की बैठक के केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीएसटी पर बड़ी राहत देते हुए पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि मौजूदा स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए दो स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत ही नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से लागू किए जाएंगे। इससे करीब 175 आइटम्स सस्ते होंगे। जानिए जीएसटी की बड़ी बातें।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह केवल जीएसटी में सुधार नहीं है बल्कि संरचनात्मक सुधारों और लोगों की जीवन को सुगम बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा। कि पीएम मोदी ने दीपावली तक इस राहत की उम्मीद जताई थी। लेकिन हम उससे पहले ही इसे कर रहे हैं। हर राज्य के वित्त मंत्री ने बिना किसी शर्ट के इस पर समर्थन दिया। रेट्स रेशनलाइज़ेशन में सभी मंत्रियों ने साथ दिया।

कांग्रेस पर साधा निशाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए सरकार जीएसटी लागू नहीं कर पाई थी क्योंकि राज्यों को केंद्र पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को तय करना होगा कि उसे इस कटौती का समर्थन करना है या विरोध। अगर वे विरोध करते हैं, तो जनता के सामने उनकी असलियत सामने आ जाएगी।’ बीजेपी को उम्मीद है कि कांग्रेस की आलोचना उसे जनता की नजर में ‘एंटी-पब्लिक’ साबित करेगी, जबकि मोदी सरकार का यह कदम चुनावी मैदान में पार्टी के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा।

 

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