खबर लहरिया Blog Mahua: पोषक तत्वों से भरपूर और आदिवासियों के जीवन का स्रोत

Mahua: पोषक तत्वों से भरपूर और आदिवासियों के जीवन का स्रोत

महुआ की पत्तियों का इस्तेमाल, अगर किसी को गठिया और बवासीर की शिकायत है तो इसके लिए भी किया जाता है। इसकी जड़ सूजन और बुखार में असरदार होती है।

benefits of Mahua

                                                                                              महुआ की फोटो, महुआ का इंग हलका पीला रंग का होता है

भारत में अनेक प्रकार के पेड़-पौधे, और इनमें अलग-अलग गुण और खासियतें पाई जाती हैं। इनमें से एक पौधा है ‘महुआ’, जो अपनी विशेषता और सौंदर्य के कारण प्रसिद्ध है। महुआ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पुरातत्विक काल से ही भारतीय संस्कृति में प्रयोग होता आया है। इसके मुख्य रूप से छह फूलों वाले फूल खिलते हैं, जो रंग-बिरंगे होते हैं और आकर्षक सुगंध छोड़ते हैं। महुआ के ये सुंदर फूल कुछ ही दिनों में फल बन जाते हैं। यह फल भी खुशबूदार होता है और मधुर स्वाद के कारण इसे ‘मधुक फल’ भी कहते हैं। मधुक फल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और विटामिन सी की भरपूर मात्रा इसमें मौजूद होती है। यह अनेक प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

आदिवासी बहुल इलाकों में लोगों के लिए महुआ जीविका का एक स्रोत भी है। लेकिन धीरे-धीरे इसकी पहचान बदल रही है। महुआ का उपयोग अब पोषण से भरपूर स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में किया जाता है। इसको खाने से हीमोग्लोबिन का स्तर शरीर में बढ़ता है और ये कई रोगों को दूर करने में भी फायदेमंद है।

इसलिए हल्की ठंड के समय जब महुआ गिरता है, तो आदिवासी समुदाय ही नहीं बल्कि कई किसान परिवार भी सुबह 4:00 से उठकर महुआ बीनना शुरू कर देते हैं, इसे बीन कर घरों में जाकर इन फूलों को सुखाया जाता है, फिर तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खाया जाता है। इतना ही नहीं महुआ के फल और फूल को बाजारों में महंगे दामों में भी बेचा जाता है।

गरीब परिवारों के लिए महुआ किसी सोने की खान से कम नहीं माना जाता है। कई ग्रामीण इसके कच्चे फलों की सब्जी बनाते हैं और जब फल पक जाता है, तो पके हुए बीज को किसान परिवार बीन कर सुखाते हैं और चक्की में ले जाकर तेल निकलवाते हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर और निरोगी होता है मुहआ का पेड़

benefits of Mahua

                                                                                                                        महुआ के बीज बीनती महिला

महुआ का उपयोग सिर्फ खाने और पोषण देने तक सीमित नहीं है, इसका उपयोग औषधीय उपचार के लिए भी कई तरीकों से किया जाता है। ग्रामीण इलाकों में महुआ की छाल, जड़, फूल-फल और पत्ते तक का इस्तेमाल अलग-अलग तरह से किया जाता है। महुआ में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा महुआ में कैरोटीन भी पाया जाता है, जिसके इस्तेमाल से हृदय रोग, मधुमेह जैसी कई बीमारियां दूर रहती हैं।

अगर किसी को गठिया और बवासीर की शिकायत है तो इसके लिए भी महुआ की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ सूजन और बुखार में असरदार होती है। महुआ की छाल का उपयोग भी मधुमेह यानी डायबिटीज को कंट्रोल में करने के लिए किया जा सकता है।

इसके फूलों से महुआ का तेल निकाला जाता है, जो त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और उसे स्वस्थ और चमकदार बनाता है। महुआ के फलों का रस त्वचा के रोगों से लड़ने में मदद करता है और बालों को मजबूती और चमकदार बनाता है।

ये भी देखें – चित्रकूट: पानी छू जाने से नाराज पंडित महिला ने आदिवासी लड़की को पीटा

महुआ के फल का सेवन कैसे करें?

महुआ का फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। आप इसे अपने रोज़ के खान पान में आसानी से शामिल कर सकते हैं। महुआ के फल को मुरब्बा बनाकर भी खाया जा सकता है, साथ ही इसका स्वाद भी बहुत स्वादिष्ट होता है। महुआ के फलों की कई जगहों पर स्वादिष्ट सब्जी भी बनाई जाती है।

महुआ से बनाइये ये स्वादिष्ट पकवान

बड़े-बुज़ुर्ग आज भी महुआ और चने बड़े चाव के साथ खाते हैं, महुआ का सत्तू भी कई घरों में खाया जाता है। यहाँ तक कि महुआ की पूरी और लड्डू तक लोग घरों में बनाकर खाते हैं। हमने गांव के लोगों से महुआ से तेल निकालने से लेकर इस तेल से पकवान बनाने की प्रक्रिया भी जानी।

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में खेती-किसानी करने वाले गरीब परिवार अकसर घरों में महुआ के बीज फोड़ते मिलेंगे। पहले महुआ को बीन कर इकट्ठा किया जाता है, फिर धूप में सुखाया जाता है और बरसात आते-आते इन सूखे हुए महुआ के फलों को फोड़ कर उसमें से बीज निकाल कर चक्की में तेल निकालने के लिए दे दिया जाता है। गांव में ज़्यादातर परिवार इसी तेल में पूरी छानते हैं, पकौड़ियाँ, हलवा बनाते हैं और पराठा तलने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीणों की मानें तो इस तेल का स्वाद खाने में देसी घी जैसा लगता है, साथ ही ये कमर दर्द में भी बहुत कारगर है।

जानें महुआ की सब्जी कैसे बनाएं

महुआ की सब्जी बनाना बहुत ही आसान है। यह सब्ज़ी महुआ के कच्चे फलों से बनाई जाती है। सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे फलों को अच्छी तरह से धोकर छीला जाता है। फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटते हैं। इसके बाद टुकड़ों को कुकर में 1 गिलास पानी डाल कर उबालते हैं। एक सीटी आने पर बंद कर देते हैं। फिर जैसे हर सब्जी के लिए मसाला तैयार किया जाता है। उसी तरह मसाला तैयार करते हैं। आइए जान लेते है मसाला को कैसे तैयार करते हैं:

  • प्याज, लहसुन और हरी मिर्च का पेस्ट तैयार कर लें।
  • फिर एक कढ़ाई या पैन लें, उसमें तेल डालें। इसके बाद जीरा डालें।
  • फिर प्याज और लहसुन का पेस्ट डाल दें। प्याज को अच्छी तरह से भून लें।
  • इसके बाद धनिया पाउडर, गर्म मसाला, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डाल दें।
  • इसके बाद उबले हुए महुआ के फल के टुकड़े डाल दें। इन्हें मसाले के साथ अच्छी तरह से मिला लें।

8-10 मिनट तक अच्छी तरह पकाएं। फिर क्या है तैयार हो गई महुआ के फल कि सब्जी। आप चाहें तो सब्ज़ी की रौनक को और बढ़ाने के लिए ऊपर से हरा धनिया डाल दें और आराम से रोटी या पूरी के साथ खायें।

फल और फूलों में अनेक गुणों से लैस महुआ हम सभी के शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। भले ही आप ग्रामीण इलाके में रहते हों या शहरी, हमें इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करके इसके अनमोल फायदों का लाभ उठाना चाहिए।

इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गई है। 

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke