खबर लहरिया Blog बवासीर (Piles) होने पर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, मिलेगा दर्द से आराम

बवासीर (Piles) होने पर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, मिलेगा दर्द से आराम

बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो बेहद तकलीफदेह होती है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर तथा मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से गुदा के अन्दर और बाहर, या किसी एक जगह पर मस्से बन जाते हैं।

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बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिससे दुनिया में करोड़ों लोग परेशान हैं। सिर्फ भारत की बात करें तो साढ़े चार करों लोग बवासीर से पीड़ित हैं। हर साल इस बिमारी की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह संख्या बढ़ने का में कारण है कब्ज। करीब 60 फीसदी लोगों को उम्र के किसी न किसी पड़ाव में बवासीर की समस्या होती है।

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बवासीर एक अनुवांशिक समस्या है…

बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो बेहद तकलीफदेह होती है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर तथा मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से गुदा के अन्दर और बाहर, या किसी एक जगह पर मस्से बन जाते हैं। मस्से कभी अन्दर रहते हैं, तो कभी बाहर आ जाते हैं। जिससे समस्या और भी बढ़ जाती है। यह एक अनुवांशिक समस्या भी है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही हो, तो इससे दूसरे व्यक्ति को होने की आशंका रहती है। बवासीर दो प्रकार की होती है।

खबर लहरिया की रिपोर्टिंग के दौरान ग्रामीण महिलाओं ने भी अपनी समस्या बताई है। इस लिंक में यह देख सकते हैं।

 

खूनी बवासीर

खूनी बवासीर में किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती है। इसमें मल त्याग करते समय खून आता है। और उसके बाद मरीज को काफी राहत मिलती है।

बादी बवासीर

बादी बवासीर में कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खानपान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है। इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है। मल त्याग करते समय, और उसके बाद भी दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है।

बवासीर हेतु घरेलू इलाज

बवासीर होने पर लोग कई तरह के घरेलू इलाज भी करते हैं जो कई बार कारगर भी साबित हुए हैं।

मट्ठा और अजवाइन का सेवन

मट्ठा बवासीर रोग में अमृत के समान है। एक गिलास छाछ में एक चौथाई अजवाइन पाउडर, और एक चम्मच काला नमक मिलाकर रोजाना दोपहर के खाने में सेवन करें। यह बवासीर से आराम पाने का सबसे अच्छा घरेलू उपचार है। रात के भोजन में हल्की और रसीली चीजें खाएं जिससे मल त्यागने में आसानी होगी।

अजवाइन भिगोकर खाएं

गांव में अजवाइन बहुत आसानी से मिल जाती है। किसान खेत में उगाते हैं। इसके लिए आपको रोज रात में सोने से पहले अजवाइन को पानी में भिगो कर रख देना है। फिर सुबह खाली पेट इसका सेवन करना है। इस तरह ये सुबह से आपके मेटाबॉलिज्म को तेज कर देगी। इससे आपको बवासीर के लक्षणों से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।

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बवासीर में लाभदायक है नागपोय

                                                                                                                                            नागपोय का पौधा

नागपोय जिसे लोग नागदोन भी कहते हैं। गाँव में एक मान्यता यह भी है की इस पौधे को लगाने से सांप घर में नहीं आते हैं। जिससे यह पौधा अकसर ग्रामीण स्टार पर देखने को मिल जाएगा। इसकी दो से तीन पत्ती ढाई दाने कालीमिर्च के साथ में सुबह खाली पेट खाने से आराम मिलता है। अगर आपके पास पत्ते को पीसने का ऑप्शन है जैसे सिलबट्टा तो पत्ते को काली मिर्च के साथ पीसकर घोल बनाकर खाली पेट पिएं लाभ मिलेगा। यह ग्रामीण स्तर पर अपनाया हुआ देसी नुस्खा है। यदि आप लगातार 15 दिनों तक इस नुस्खे को अपनाते हैं तो आपकी बवासीर की समस्या दूर हो जाएगी और आप स्वस्थ हो जाएंगे।

बवासीर की बीमारी के दौरान खानपान सही रखें

  • अधिक फाइबर युक्त जैसे- रेशेदार फल एवं सब्जियां खाएं। जैसे केला, सेब, स्ट्रॉबेरी, चीकू।  और सब्जियों में ब्रोकली, चुकंदर, लौकी, मूली, गाजर और तोरई का सेवन करें।
  • रोजाना 7-8 गिलास पानी पिएं।
  • भोजन में नियमित रूप से छाछ का सेवन करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम एवं प्राणायाम करें।
  • अधिक देर तक एक ही जगह पर बैठे ना रहें।

बवासीर में परहेज करें

अगर आप पाइल्स का इलाज करवा रहे हैं तो इन चीजों का परहेज करना बहुत जरूरी है-

  • जंक-फूड – तला-भुना एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन बिल्कुल न करें।
  • बवासीर का सही-सही कारण अभी तक मालूम नहीं है। लेकिन कई वजह है जिससे सम्भावना बढ़ जाती है।
  • जब हम कम फाइबर वाला आहार करते हैं। हमारे भोजन में फाइबर लेना बहुत जरूरी है।
  • कब्ज या दस्त का कारण
  • नियमित व्यायाम न करना
  • लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण
  • देर तक बैठे रहना
  • मोटापा
  • पालथी मारकर देर तक बैठने से भी बवासीर होने की संभावना बढ़ सकती है।

बवासीर लाइलाज नहीं तो घबराएं नहीं। जब भी आपको यह समस्या महसूस हो अपने नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसे किसी भी दवा का सेवन नुकसानदेह हो सकता है।

 

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