वेतन बढ़ोत्तरी समेत कई मांगों को लेकर बैंक आज शुक्रवार से दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। दो दिवसीय हड़ताल और फिर रविवार की बंदी के कारण लगातार तीन दिन बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों को कैश की कमी से जूझना पड़ सकता है। हड़ताल का असर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत कई सार्वजनिक बैंकों पर पड़ेगा। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। खासतौर पर इन बैंकों के उपभोक्ताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा जो बैंक बंद हैं। हालांकि, इस हड़ताल से प्राइवेट बैंक दूर हैं।
जो तस्वीरे सामने आ रही हैं उससे बैंक हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
दिल्ली के जंतर-मंतर में हड़ताल करते बैंक कर्मचारी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल बुलाई है। pic.twitter.com/8e6qAbnw5i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2020
दरअसल बैंक कर्मचारी नवम्बर 2017 से वेतन बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं उनकी मांग को देखते हुए अभी तक 12.25% वृद्धि की पेशकश की गई लेकिन यूनियंस इस पर राजी नहीं हुए। उन्होंने कहा बैंककर्मियों को 20 प्रतिशत से कम वेतनवृद्धि समझौता स्वीकार नहीं है। इसके अलावा पांच दिवसीय बैंकिंग, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लंबे समय से अनदेखा किया जा रहा है। ऐसी संभावना जाते जा रही है कि लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल ऐसे समय में हो रहा है जब आज शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वे और कल यानी 1 फरवरी को बजट 2020 पेश किया जाना है। इससे पहले 8 जनवरी को भारत बंद के साथ ही करीब 6 बैंक यूनियनों ने हड़ताल की थी, उस दिन ज्यादातर बैंक बंद थे और जो खुले थे वहां भी कामकाज पर असर पड़ा था।
इतने दिन रह सकती है हड़ताल
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने कहा है कि 31 जनवरी और एक फरवरी को बैंकों में दो दिवसीय हड़ताल रहेगी। वहीं मार्च में 11,12 और 13 तारीख को भी हड़ताल रहेगी। बैंक यूनियन ने एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी घोषणा की है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ़ भी जमकर नारेबाजी की वहीँ दूसरी और बैंको की हड़ताल के कारण आम लोग व व्यवसायियो को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि व्यवसायियों का कारोबार बैंक से जुड़ा हुआ है।
बाँदा जिले से हमारे रिपोर्टर ने बताया कि बाँदा में बैंक बंद होने का कोई ख़ास असर नहीं पद रहा लोगों पर। क्योंकि वहां कुछ बैंक खुले हैं जैसे आर्यावर्त बैंक है तो खुला है और लोगों को बैंक से पहले ही पता चल गया था तो इससे कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लोग पहले से पैसे निकाल लिए हैं इसलिए दिक्कत नहीं हो रही है।
महोबा से सुनीता ने बताया कि हमारी सासू माँ की तबियत बहुत ख़राब है जिनको दिल्ली में भर्ती कराया गया है। इलाज के लिए पैसे की जरुरत है पहले से बैक बंद होने की जानकारी नहीं थी। हमने बैक में पैसे डाल दिए थे की जब जरुरत पड़े तो निकाल सके। पर तीन दिन बैंक बंद होने की वजह से पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। डॉक्टर ऑपरेशन करने से मना कर रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें किससे कहें।
दिल्ली की कमला जी बताती हैं कि उनके घर में राशन नहीं है मजदूरी करके परिवार चलाते हैं हमने मालिक से पैसे मांगे तो उन्होंने देने से मना कर दिया क्योंकि बैंक बंद होने की वजह से पैसे नहीं निकल पा रहे हैं। अब दो दिन तक हमारे परिवार का खर्च कैसे चलेगा?
बैंक हड़ताल से सबसे ज्यादा असर उन लोगों को पड़ेगा जिनके घर में मरीज हैं या अस्पताल में भर्ती हैं। छात्रों के एग्जाम शुरू होने को हैं उनकी पढ़ाई किताबें लेना, फॉर्म भरना फीस जमा करना इन सब कामों पर काफी असर पड़ेगा। अगर हम शादी की बात करें तो कोई अंदाजा नहीं है कि कितने पैसे लगे कहा नहीं जा सकता और अभी शादियों का सीजन है ऐसे में बैंकों की हड़ताल उनपर भारी पड़ सकता है।
वाराणसी जिले में बैंक हड़ताल का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है नगर क्षेत्र के इलाहाबाद बैक के लोग दो दिन के लिये हडताल पर बैठे हैं। रामवृक्ष इलाहाबाद बैंक मैनेजर ने बताया कि हमारी मुख्य मांग है वेतन समझौता। जो पिछले नवम्बर 2017 से नहीं मिला काफी लम्बी वार्ता हुई लेकिन कोई संतोष जनक उत्तर नहीं मिला है। अगर हमारी नहीं मानी जाएगी तो हमारा अगला जो प्रदर्शन है वह मार्च में है जो तीन दिनों तक लगातार रहेगा। और अगर उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो 1 अप्रैल 2020 से अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे।