खबर लहरिया Blog बांदा: बैंकों में बेकाबू भीड़, बढ़ रहा कोरोना का खतरा

बांदा: बैंकों में बेकाबू भीड़, बढ़ रहा कोरोना का खतरा

कोरोना अभी ख़त्म नहीं हुआ है लेकिन नरैनी कस्बे में बैंको के बाहर बिना मास्क के इतनी भीड़ देखने को मिल रही है जैसे कोरोना का खतरा ही न हो। इस बेकाबू भीड़ को देखते हुए और सर्वर की समस्या के चलते कर्मचारी बैंक के गेट पर ताला लगा देते हैं जिससे खाता धारकों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जिला बांदा के नरैनी कस्बे में स्थित इंडियन बैंक और आर्यावर्त बैंक के बाहर भारी संख्या में ग्राहकों की भीड़ सुबह से ही लग जाती है क्योंकि इन बैंकों में दूर-दूर के कई गांव लगे हुए हैं। लोगों को पैसा निकालने के लिए 10 से 15 किलोमीटर तक का सफर तय करके नरैनी कस्बे में स्थिति आर्यावर्त बैंक और इंडियन बैंक आना पड़ता है। ग्राहकों की भीड़ के बीच बहुत से लोग तो बिना माक्स बैठे होते हैं और कई बार तो उनको इस भीड़ के बीच कहीं सर्वर की कमी तो कहीं कुछ चीजों की कमी होने के कारण पैसे भी नहीं दिया जाता है। और वह निराश होकर वापस लौट जाते हैं। नरैनी में जो गिने-चुने एटीएम भी है वह भी ज्यादातर पैसे की कमी के अभाव में बंद होते हैं। या फिर खराब पड़े होते हैं।

सालभर से बंद पड़े हैं एटीएम

अगर मैं बात करूं आर्यावर्त बैंकों के एटीएम की तो यहां पर दो एटीएम हैं लेकिन दोनों पिछले साल से बंद चल रहे हैं। और बाहर खुले जनसेवा केंद्रों में अगर लोगों को जरूरत के समय पैसे की निकासी करनी है तो एक हजार रूपये पर दस रूपये देना पड़ता है इससे लोग काफी परेशान होते हैं। लोगों का कहना है कि अक्सर बैंको में सर्वर की समस्या बताकर काम को लटका दिया जाता है। वह लोग पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। अतर्रा मार्ग पर तहसील के आगे मौजूद इंडियन बैंक में सर्वर को लेकर इसी महीने परिसर के अंदर घुसकर लोगों ने घंटों हंगामा भी किया था।

भीड़ के चलते बैंक में ताला लगा देते हैं अधिकारी- खाता धारक

पूजा देवी, रामधनी गाँव पड़मई के ग्राहकों ने बताया कि बैंक में मौजूद कर्मी भीड़-भाड़ को देख जान बूझकर लोगों का भुगतान नहीं करते हैं। सुबह बैंक खुलते ही मुख्य मार्ग से लेकर बैंक परिसर के अंदर तक काफी ज्यादा भीड़ हो जाती है और ज्यादा भीड़ के दबाव के चलते बैंक कर्मी शाखा परिसर में लगे मुख्य दरवाजे में ताला डलवा देते हैं। सुबह से शाम तक लाइन में खड़े होकर तमाम ग्राहक मायूस घर वापस चले जाते हैं।

अशोक राजपूत जो नरैनी के निवासी हैं उन्होंने बताया कि वह लोग बैंक खुलने से पहले ही आकर इंडियन बैंक में 9:00 बजे खड़े हो गए थे। लेकिन हमेशा यहां पर कुछ ना कुछ कमी बताई जाती है और सर्वर की तो आए दिन समस्या बनी ही रहती है जिससे उनको जरूरत पड़ने पर पैसा का लेन देन नहीं हो पाता। और वह लोग अपने ही पैसे को निकालने के लिए भटकते रहते हैं।

बैंक कर्मी पर अभद्रता का आरोप

नरैनी निवासी मीना और मोटियारी निवासी ओमप्रकास ने आरोप लगाया कि निरंकुश बैंक कर्मी आये दिन ग्राहकों को बेवकूफ बनाये जाने व कुछ पूछने पर जवाब न देकर अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। बताया कि लगातार चार दिन से अपने खाते का पैसा निकालने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।

इस मामले पर जब बैंक मैनेजर से बात की तो उन्होंने बात करने में आनाकानी करते हुए कहा कि सर्वर की कमी के बारे में वह कुछ नहीं कर सकते। बैंक में इतनी ज्यादा भीड़ हो जाती है कि संभालना मुश्किल हो जाता है। और इस तरह का दौर चल रहा है बीमारी का इसलिए ताला डाल दिया जाता है। वह अपनी तरफ से भरपूर प्रयास करते हैं कि लोगों का काम जल्द से जल्द हो और भीड़ न लगे।

अब सवाल यह उठता है कि जहां एक तरफ कोरोना वायरस का खतरा अभी भी टला नहीं है वहीं दूसरी तरफ बैंकों में इतनी ज्यादा भीड़ के बीच लोग बिना माक्स बैठे रहते हैं। तो आखिरकार ऐसा क्यों है क्या कभी इस तरह की समस्याओं का निवारण होगा? जिस तरह से सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है और टेक्नोलॉजी को इतना बढ़ावा देती है तो फिर इन चीजों में पूरी व्यवस्था और सुधार क्यों नहीं हो पाता? क्यों लोगों को अपने ही जमा किए पैसे की निकासी और लेनदेन के लिए इतने ज्यादा चक्कर लगाने पड़ते हैं?

इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।

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