बाँदा: लॉकडाउन में फसे लोग आज अपनों के पास पहुँचने को बेताब :बांदा: 7 मई समय पौने सात बजे के लगभग बांदा रेलवे स्टेशन श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1220 मजदूरों को लेकर आई। यह ट्रेन गुजरात के सूरत शहर से 6 मई को दोपहर दो बजकर 40 मिनट में रवाना हुई थी। स्टेशन में सबकी स्क्रीनिंग जांच करके रोजवेज बसों से कवारेन्टीन सेंटरों में भेजा गया। जिला प्रशासन मज़दूरों की वापसी के लिए कई दिन से तैयारी कर रहा था। कबरेज के दौरान दृष्ट देखने को जो मिला वह गजब था। जैसे ही ट्रेन स्टेशन में रुकी तो सब मोदी और योगी की जय के नारे लगाने लगे। सबके के दिल में तसल्ली की झलक साफ तौर पर दिख रही थी। ऐसा लग रहा था मानो कह रहे हों भले कितनी परेशानी क्यों न झेलनी पड़ी हो कम से कम अपने देश तो पहुंचे। जब लोग ट्रेन से बाहर आये तो अपने इलाके का नज़ारा देखकर भौचक्के लगे जैसे कि पहली बार देखा हो जबकि यहीं से बार बार आते जाते हैं। जब वह मीडिया से रूबरू हुए तो कई के आंखों में आंसू छलक पड़े। बोले जैसे भी आये कम से कम घर आने की उम्मीद तो पूरी हुई। कई लोगों का गुस्सा भी फूटा बोले कि जब सूरत में रहे तो मकान मालिक से कई तरह की परेशानियां झेले। पैसा खाना सब खत्म। जब कल श्रमिक स्पेशल ट्रेन का पता चला तो सुकून मिला। फिर भी ट्रेन में भी खाना पानी नहीं मिला। टिकट के लिए किसी ने 600 तो किसी ने उससे ज्यादा भी पैसे लिए। महिलाएं और छोटे छोटे बच्चे भी थे साथ में। अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह का कहना है कि जिले में कुल 77 कवारेन्टीन सेंटर बनाये गए हैं। इन मजदूरों को कवारेन्टीन में रखा जाएगा। एक हफ्ते के बाद अगर उनको कोई दिक्कत जैसे खांसी, जुकाम, बुखार होती है तो जांच करके उनका इलाज किया जाएगा।
बाँदा: लॉकडाउन में फसे लोग आज अपनों के पास पहुँचने को बेताब
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