बांदा जिले के कई किसान आज भी किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से दूर है। योजना के लिए लोग विभाग के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा। जानिये आप योजना का लाभ उठाने के लिए किस तरह से आवेदन कर सकते हैं।
यूपी के बाँदा जिले के लोगों के लिए किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाना, अब भी उनकी पहुँच से दूर है। जानकारी के अनुसार, जिले में तकरीबन 24 हज़ार लोग ऐसे हैं। जो योजना के लाभ से वंचित है। योजना के लिए सारी औपचारिक चीज़े पूरी करने के बावजूद भी, किसानों के खातों में योजना की राशि नहीं पहुँचती। इनमें कई किसान ऐसे हैं जो योजना के हकदार तो है। लेकिन उनके हिस्से का लाभ किसी दूसरे खाता धारकों के खाते में जा रहा है। वह इसलिए क्यूंकि उनके खातें आधार कार्ड से लिंक नहीं है।
जब खबर लहरिया ने इस मुद्दे पर बाँदा के किसानों से बात की। तो यह सामने आया कि यहां के छोटे से बड़े किसान तहसील और कचहरी के चक्कर काटते हैं। ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल जाए।
लाभ ना मिलने से लोगों को होती परेशानियां
करतल कस्बे के रहने वाले रामस्वरूप ने अपनी पत्नी के नाम पर किसान सम्मान निधि योजना का फॉर्म भरा था। रामस्वरूप की पत्नी का नाम गुड्डी है। जिनकी उम्र लगभग 50 साल है। वह कहते हैं कि फॉर्म भरने की भागा-दौड़ी में उनके हज़ारों रूपये खर्च हो गए। करतल से नरैनी जाने में तकरीबन 100 रूपये खर्च हो जाते हैं। किसानी छोड़ कर आने-जाने में पूरा दिन निकल जाता है। उन्होंने विभाग के चक्कर भी लगाए। सभी दस्तावेज़ भी जमा किये। लेकिन खाते में पैसे नहीं आये। वह बस यही चाहतें हैं कि जिस तरह से अन्य किसानों को योजना का लाभ मिला। उन्हें भी उसी तरह योजना का लाभ मिलना चाहिए।
गुड़ा कला ग्राम पंचायत के मजरा शंकर पुरवा की रहने वाली रानी अपनी परेशानी बताती हैं। वह भी किसान सम्मान निधि योजना की हकदार हैं। लाभ के लिए कई बार उन्होंने योजना का फॉर्म भरा। दस्तावेज़ों की फोटो कॉपी में पैसे खर्च किये। कई बार शंकर पुरवा से नरैनी पैदल चलकर भी गयी। ताकि वहां फॉर्म जमा करा सके। महिला द्वारा योजना का लाभ पाने के लिए हर संभव कोशिश की गयी। लेकिन फिर भी वह योजना का सुख नहीं उठा पायी।
वह कहती हैं कि उनके लिए योजना के तहत चार महीने में दो हज़ार रूपये मिलना भी बहुत बड़ी बात है। मतलब, महीने के पांच सौ रूपये। इसमें वह खेती और घर का खर्चा दोनों निकाल लेंगी। लेकिन इतना भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है। वह छह महीने से इस आस के साथ विभाग के चक्कर काट रहीं हैं कि शायद उन्हें कभी तो योजना का सुख प्राप्त होगा।
दशरथ पुरवा के रहने वाले कृष्ण कुमार यादव के अनुसार उनके गाँव में 35 प्रतिशत किसान ऐसे हैं। जो योजना से वंचित हैं। वह सभी पात्र हैं। उन्होंने तीन-तीन बार फॉर्म भी भरा हुआ है। लेकिन कोई हल नहीं निकला।
उप कृषि निदेशक ने कहा- कुछ कमियों की वजह से नहीं मिल रहा लाभ
समस्या को लेकर उप कृषि निदेशक आर.के माथुर से बात की गयी। उनके अनुसार जिले में 2 लाख 36 हज़ार किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है। जहां बात रह गयी, योजना से वंचित लोगों की। तो वह ऐसे लोग हैं जिनके खाते आधार कार्ड से जुड़े नहीं है या उसमें कोई समस्या है। उनके द्वारा समस्या को सही करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही लोगों को आधार कार्ड भी सही कराने के लिए कहा जा रहा है। ताकि उन्हें भी योजना का लाभ मिल सके।
यहां अधिकतर किसान ऐसे हैं। जिन्हें या तो योजना की जानकारी नहीं है। या तो वह सुविधा की पहुँच से ही दूर है। वहीं जिन्हें योजना के बारे में पता है। वह बस विभाग के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन सुविधा उन तक नहीं पहुँच रही। ( इस खबर को खबर लहरिया के लिए गीता देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।)
किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत
योजना को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। जिसे की 1 फरवरी 2019 को बजट में पेश किया गया। जिसके अनुसार इसमें छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6 हज़ार रूपये दिए जाएंगे। योजना का लाभ सिर्फ वही किसान परिवार उठा पाएंगे। जिनके पास 2 हेक्टेयर तक ज़मीन होगी। जिसे की अब बदलकर 5 हेक्टेयर तक कर दिया गया है। किसानो को दिए जाने वाले पैसे तीन किस्तों में दिए जाएंगे। यानी हर चार महीने में दो हज़ार रूपये। यह पैसे सीधा उनके बैंक खातों में डाले जाएंगे।
योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता
– आवेदक के पास 5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। जो की पहले 2 हेक्टेयर थी। अब इस सीमा को भी खत्म कर दिया गया है।
– कृषि भूमि के कागज़ात होने चाहिए।
– आधार कार्ड
– पहचान पत्र
– आई डी का प्रमाण, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड
– बैंक खाता पासबुक
– मोबाइल नंबर
– खेत की जानकारी (खेत का आकार,कितनी जमीन है आदि)
– पासपोर्ट साइज़ फोटो
2021 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में हुए बदलाव
आधार कार्ड अनिवार्य:- योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड होना अनिवार्य है। यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आप इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
जोत की सीमा खत्म:- जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गयी थी। तब इस योजना में सिर्फ उन्हीं किसानों को शामिल किया गया था। जिनके पास 2 हेक्टेयर या फिर 5 एकड़ खेती योग्य जमीन है। अब केंद्र सरकार द्वारा यह सीमा खत्म कर दी गई है।
स्थिति जानने की सुविधा:– अब आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अपने आवेदन की स्थिति खुद जान सकते हैं। इसके लिए आपके पास आधार नंबर या मोबाइल नंबर या बैंक खाता होना चाहिए। जिसकी मदद से आप अपने आवेदन की मौजूदा स्थिति पता कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड:- वे सभी किसान जिन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पंजीकरण करवाया है। उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कोई दस्तावेज देने की ज़रुरत नहीं है। जिससे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में आसानी होगी।
किसान सम्मान निधि योजना के लिए इस तरह से करें आवेदन
1. सबसे पहले पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ को खोलिए।
2. अब सबसे दाहिनी ओर आपको ‘फार्मर्स कार्नर ‘ का विकल्प मिलेगा।
3. यहां आधार नंबर के साथ कैप्चा कोड डालें।
4. लिस्ट से राज्य का चुनाव करें और फिर ढूँढे बटन पर क्लिक कीजिए।
5. आपके सामने नया पेज खुलकर आएगा।
6. नए पेज पर जरूरी जानकारी भरकर जमा कर दीजिए।
पीएम किसान के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको नाम, पिता का नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड जैसी जानकारियों को भरना होगा। इसके साथ ही आपको उस भूखंड का भी विवरण देना होगा, जिस पर आप खेती करते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि जमीन आपके नाम पर नामांकित होनी चाहिए।
सहायता के लिए ऐसे सम्पर्क करें
अगर आपको योजना से जुड़ी चीज़ों के बारे में पूछना है। या फिर आपको कोई परेशानी हो रही है तो इस ईमेल आईडी के ज़रिये अपनी परेशानी अधिकारीयों को पहुंचा सकते हैं। आप चाहें तो दिए गए नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं।
ईमेल – pmkisan-ict[at]gov[dot]in
फोन नंबर – 011-23381092
फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन
फोन नंबर : 91-11-23382401
ईमेल : pmkisan-hqrs[at]gov[dot]in
सरकार द्वारा दी गयी जानकरी के अनुसार, जिन किसानों ने साल 2019 में योजना के लिए फॉर्म भर दिया था। उन्हें योजना से मिलने वाली छह किस्ते दे दी गयी हैं। अब सरकार किसानों को सातवीं क़िस्त देने की तैयारी में है। लेकिन कई किसानों को तो योजना की पहली क़िस्त भी नहीं मिली। तो उनका क्या? जिन तक योजना का लाभ ही नहीं पहुँच पाया। उन तक यह सुविधा कौन और किस तरह से पहुंचाएगा?