खबर लहरिया ताजा खबरें बाँदा: जल निकासी की नहीं है व्यवस्था, महामारी फैलने की आशंका

बाँदा: जल निकासी की नहीं है व्यवस्था, महामारी फैलने की आशंका

जिला बांदा, ब्लॉक महुआ, ग्राम पंचायत शिवहद| इस गांव की अनुसूचित जाति की बस्ती में 400 परिवार रहते हैं। लेकिन पानी निकासी की जगह न होने के कारण उन परिवारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक की नाली का गंदा पानी सड़कों के साथ-साथ उनके घरों में भी भर जाता है और उस गंदगी से मच्छर पनपते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं इस समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने ब्लॉक से लेकर डीएम तक शिकायत की लेकिन अभी तक उनके समस्या का निस्तारण नहीं हुआ।

लोगों ने बताया कि वह कई सालों से इस समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन पिछले साल से कुछ ज्यादा ही दिक्कत होने लगी है| क्योंकि जो जनरल कास्ट के लोग रहते हैं ऊपरी एरिया में उस बस्ती का पानी अनुसूचित जाति की बस्ती खाले में होने के कारण बहकर इसी बस्ती से आता है और इस बस्ती के आगे पानी जाने की जगह नहीं है| जिन किसानों के खेत पड़ते हैं| वह किसान खाली पड़े खेतों से तो पानी निकल जाने देते हैं, लेकिन जब फसल बो जाती है, तो पानी निकासी रोक देते हैं और वह पानी पूरा सड़क में भर जाता है। निकलने के लिए रास्ता नहीं रह जाती और घर के अंदर भी पानी भर जाता है| जिससे उनकी गृहस्थी का भी नुकसान होता है।

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लोगों का कहना है कि उनके छोटे-छोटे बच्चे बुजुर्ग सब उस रास्ते से निकलने में गिर जाते हैं| कई बार तो खाना पानी लिए भी गिर जाते हैं और सब बर्बाद हो जाता हैं। दूसरी बात आए दिन अस्पतालों में बीमार मरीजों को लिए खड़े रहते हैं, क्योंकि बहुत ज्यादा बीमारियां उस गंदगी से फैल रही हैं। वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का निस्तारण हो और यहां से पानी निकासी के लिए जगह बनाई जाए ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके। लोगों बताया कि 29 सितंबर को अभी हाल ही में उन्होंने डीएम को दरखास दी है डीएम के दरखास्त के बाद कोई अधिकारी यहां जांच के लिए तो आया था। लेकिन उसने भी कोई कार्यवाही नहीं की सिर्फ देख कर चले गए हैं। इसके पहले भी कई अधिकारी आए और देख कर चले गए, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है। पता नहीं उनको कब तक इस तरह की जिंदगी जीनी पड़ेगी यही सोच सोच कर वह परेशान है।

शिवहर प्रधान रजनी देवी के पिता रामचरण बताते हैं कि उन्होंने इस समस्या को कार्य योजना में डाला है और ब्लॉक में भी बात की है क्योंकि सच में वहां पर दिक्कत है और वह कोशिश करेंगे कि इस समस्या का समाधान हो। लेकिन वहां पर किसानों के खेत पड़ते हैं इसलिए वह निकासी बंद कर देते हैं पानी की और लोगों को दिक्कत होने लगती है।

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शिवहद ग्राम विकास अधिकारी लवकुश का कहना है कि इस समस्या को लेकर पहले भी वह कई बार समझाने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन वहां किसानों की भूमि धरी होने के कारण निकासी के लिए जगह नहीं बन पा रही है। जिससे पानी निकल सके अगर लोग अपनी भूमिधरी से निकलने दें और जमीन दे दें,तो वह नाली बनवाने के लिए तैयार है। दूसरा एक ऑप्शन यह भी है कि अगर उन लोगों को दिक्कत है और यह उसने भी देखा है कि हां दिक्कत है लोग जलभराव के कारण गंदगी में जी रहे हैं, तो सभी लोग एक कागज में साइन करें और उनको कहे कि उस बस्ती में जितने भी घर है और चबुतरे बने हैं।

अगर वह लोग अपने चबूतरे खुदवाने को तैयार हैं और लिखित में दे ते हैं,तो उनके चबूतरो की जगह से नाली निकाल कर आगे तलइया में जोड़ा जा सकता है। जिससे पानी की निकासी भी हो जाएगी और उनकी समस्या का समाधान भी लेकिन अगर किसी एक ने भी साइन नहीं किया और चबूतरा नहीं खुलवाया तो यह काम असंभव है।

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