उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के तिंदवारी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के ट्यूबवेल खराब हो जाने के कारण कई किसान खेतों की सिंचाई को लेकर परेशान हैं। गांव पलरा और नरी के रहने वाले किसानों का आरोप है कि उनके गांव में पिछले कई महीनों से सरकारी ट्यूबवेल ख़राब पड़े हैं, जिसके कारण उन्हें प्राइवेट ट्यूबवेल से पानी लेना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि प्राइवेट ट्यूबवेल से सिंचाई करने का किराया 250 से 300 प्रति घंटा या बीघा होता है। रोज़ाना सिंचाई के किये इतनी रकम दे पाना इन किसानों के लिए काफी मुश्किल होता है। कई खेतों में गेहूं की फसल लगी हुई है और फसल अच्छी तैयार करने के लिए ट्यूबवेल की ज़रुरत पड़ रही है। किसानों ने ट्यूबवेल सही करवाने को लेकर कई बार शिकायत की और मांग की लेकिन अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
ये भी देखें – छतरपुर : खाद की लाइन में खड़े किसान की गयी जान, खाद न मिलने से था टेंशन में
बता दें कि ट्यूबवेल नंबर 10 पिछले एक साल से ख़राब पड़ा है, वहीँ दतौली का ट्यूबवेल नंबर 86 और 84 भी कई महीनों से ख़राब हैं। ट्यूबवेल ख़राब होने का मुख्या कारण ट्रांसफार्मर ख़राब हो जाना, फुंक जाना इत्यादि बताया जा रहा है। इन ट्रांसफार्मर को ठीक करने के लिए विभाग की तरफ से कोई नहीं आ आ रहा है। नरी गांव का ट्यूबवेल नंबर 33 भी पिछले 6 महीने से ख़राब पड़ा है।
पलरा पावर हाउस के जेई वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया है कि 33 नंबर ट्यूबवेल फिलहाल चालू करवा दिया गया है और 10 नंबर, 86 नंबर और 84 नंबर ट्यूबेल के ट्रांसफार्मर जल गए हैं। इसकी शिकायत विभाग में आई थी जिसके बाद रिपोर्ट बनाकर ऊपर भेज दिया गया है। जब ट्रांसफॉर्म बदलकर आएंगे तब वहां के ट्यूबवेल भी चालू हो जाएंगे।
ये भी देखें – हमीरपुर : सिंघाड़े की खेती कर महिला चलाती है परिवार
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’