पत्नी ने मृतक पर दहेज, मारपीट जैसी कई धाराओं के तहत मुकदमा लगा दिया था जिससे वह परेशान रहता था।
32 साल के जाहिद ने 11 जुलाई 2023 को खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी। मामला बांदा जिले के नरैनी कोतवाली के अंतर्गत आने वाले मुकेरा गांव का है। जानकारी के अनुसार, घरेलू विवाद व पत्नी द्वारा किये गए मुकदमे की वजह से उसने यह कदम उठाया, परिवार द्वारा यह आरोप लगाया गया है। फिलहाल, घटना का पंचनामा भर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है साथ ही पुलिस द्वारा घटना की जांच-पड़ताल ज़ारी है।
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मृतक की पत्नी पर लगाया घटना का आरोप
मृतक के भाई रमजान के अनुसार, शंकर बाजार में उसके घर से कुछ ही दूर उसका भाई शाहिद किराये के घर में कमरा लेकर रहता था। 11 जुलाई को सुबह लगभग 11 बजे गोली की आवाज़ सुनाई दी। पड़ोसी दौड़ते हुए उसके कमरे की तरफ गए, शहीद खून से सना हुआ घायल अवस्था में था। मौके पर पुलिस को सूचना दी गई व उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणी लेकर जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आगे बताया कि लगभग छः साल पहले उसके भाई की शादी हुई थी। आरोप के अनुसार, शादी के बाद उसकी पत्नी सिर्फ तीन या चार बार घर आई। दोनों के बीच क्या अनबन हुई पता नहीं लेकिन इसके बाद वह मायके से नहीं आई। उसकी पत्नी ने उस पर दहेज, मारपीट जैसी कई धाराओं के तहत मुकदमा लगा दिया था जिससे वह परेशान रहता था। चार सालों से चल रहे मुकदमे ने उसके भाई को झकझोर कर रख दिया था। एक साल पहले कोर्ट के कहने पर उसकी पत्नी ने आने का फैसला किया लेकिन यह कहा कि वह नरैनी में ही रहेगी।
शाहिद अपनी पत्नी को लेकर नरैनी भी रहने गया लेकिन वह नहीं रही और फिर मायके चली गई। इसके बाद उसका भाई दोबारा शंकर बाज़ार में रहने लगा। मुकदमे की टेंशन की वजह से वह हर समय अस्वस्थ रहता था जिसके चलते उसने इतना बड़ा कदम उठाया। आरोप लगाते हुए कहा कि उसके भाई की मौत का कारण उसकी पत्नी है।
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मुकदमे की वजह से था टेंशन में
मामले को लेकर मुकेरा गांव के प्रधान चंद्रप्रकाश का कहना था कि मृतक गरीब व्यक्ति था। उसके पास एक बिस्वा ज़मीन भी नहीं थी। पत्नी द्वारा किये गए मुकदमें की वजह से वह कमाने के लिए परदेश भी नहीं जा पा रहा था क्योंकि हर महीने कोर्ट में पेशी होती थी। उसका रोज़गार ठप हो गया था। मुकदमा और कमाई न होना उसके लिए परेशानी की वजह बन गई थी।
आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना के पीछे उसकी पत्नी ही दोषी है।
प्रथम दृष्टया का है मामला
हमने इस बारे में नरैनी कोतवाली के एसओ अरविन्द सिंह गौर से बात की। उनके अनुसार, कोतवाली सहित सीओ, अपर एसपी, फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड के साथ घटना की जांच कराई गई है। बताया गया कि पत्नी द्वारा किये गए मुकदमे को लेकर समझौता भी हो गया था लेकिन उसकी पत्नी मायके से नहीं आ रही थी जिस वजह से तनाव के चलते उसने खुदखुशी का कदम उठाया।
आगे कहा कि यह प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला है। घटना स्थल से 315 बोर का तमंचा बरामद किया गया है। बड़े भाई रमजान की सूचना पर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बता दें, प्रथम दृष्टया का मतलब है अपराध घटित होने के बाद स्थल निरीक्षण और पूछताछ में जिस पर पहला शक जाता है।
हालांकि, पत्नी द्वारा लगाए गए मुकदमे व वापस न आने को लेकर कोई भी चीज़ स्पष्ट नहीं है। न ही पुलिस द्वारा इसके बारे में कुछ बताया गया है। ऐसे में घटना होने के कई पहलु सामने आते हैं लेकिन मुख्य वजह क्या है, दोषी कौन है, यह पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। मुख्यतः, पत्नी द्वारा किये गए मुकदमे व उसके वापस न लौटने की वजह से किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गई है।
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