बाँदा जिले में कई पत्रकारों पर पुलिस प्रशासन द्वारा फर्ज़ी मुकदमा डाल उन्हें जेल भेजा जा रहा है, जिसे लेकर जिले के सभी पत्रकार 27 सितंबर से अशोक लाट में अनशन कर रहे हैं। आगे बताया कि सभी पत्रकार बालू के ओवरलोडिंग की कवरेज करने गए थे।
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पत्रकारों का कहना है कि बांदा जिले की लहुरेटा खदान में 25 सितम्बर, रविवार को जनपद के 7 पत्रकार ग्रामीणों की सूचना पर बालू खदान से निकल रहे अवैध खनन व ओवरलोडिंग की खबर करने गए थे। आरोप लगाते हुए कहा कि कवरेज करने के बाद जब सभी पत्रकार सीओ नरैनी लाल मणि पटेल से बात करने गए तो सीओ नरैनी को लगा कि अब उनकी जेब नहीं भर पाएगी। इसके बाद उन्होंने खदान संचालकों से मिलकर पत्रकारों पर अवैध रूप से पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से सातों निर्दोष पत्रकारों पर मुकदमा पंजीकृत करवा दिया, जोकि असंवैधानिक व गलत है।
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अवैध खनन के मामले में पूर्व में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन हमेशा से आरोपों के घेरे में रहा है। इसलिए वह चाहते हैं कि इस प्रकरण की निष्पक्ष व न्यायिक जांच कराई जाए जिससे की समाज के चौथे स्तंभ के इन पत्रकारों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की भी मांग की।
आरोप है कि पत्रकारों ने मामले को लेकर डीएम अनुराग पटेल को भी ज्ञापन देने की कोशिश की लेकिन वह अपने चैम्बर से बाहर ही नहीं निकले। आगे कहा कि जब से वह अनशन पर बैठे हैं प्रशासन की तरफ से कोई भी उनके पास नहीं आया। पत्रकारों ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वह इसी तरह अनशन पर बैठे रहेंगे। अगर उनकी सुनवाई यहां नहीं होगी तो वह कोर्ट तक जाएंगे।
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