गहनों का फैशन कभी खत्म नहीं होता। अब वो गहनें चाहें पुराने हो या नये। वैसे आज के दौर में पुरानी चीज़ों की लहर फिर से दौड़ पड़ी है। बाँदा जिले के बड़ोखर खुर्द, गांव दुरेडी मजरा काशीपुर की बात करें तो यहां रहने वाली महिलाएं आज भी पुराने समय के ज़ेवरात पहनना पसंद करती हैं। कहती हैं, ज़ेवर उनके रीति-रिवाज़ का हिस्सा है।
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महिलाएं बताती हैं कि अगर शादी के समय गले में सुतिया न पहना जाए तो घर से बारात तक लौट जाती है। वह वट जाति से हैं उनके यहां सभी औरतें पुराने समय के ही गहनें पहनती हैं। जैसे गले में सुतिया, करधनी, बिछुआ, चोकर धनी आदि। चाहें शादी हो या नहीं वह लोग हमेशा यह चीज़ें पहनती हैं। उन्हें अन्य समुदाय का नहीं पता लेकिन हाँ, उनके समुदाय में यह चीज़ें ज़रूर से पहनी जाती हैं।
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