बांदा जिला के नरी में 24 जुलाई को बाढ़ क्षेत्र में चौपाल लगाकर बैठक की गई, जिसमें पैलानी एसडीएम और लेखपालों के द्वारा लोगों को जागरूक किया गया। जिन लोगों के घर डूबते हैं वह स्थाई जगह छोड़कर ऊंचाई वाली जगह पर शिफ्ट हो जाएँ। अपनी सुरक्षा और अपने बच्चों की रक्षा करें।
ये भी देखें – Yamuna Floods: 45 सालों में पहली बार बाढ़ का पानी पहुंचा ताजमहल की दीवारों तक
लोगों का कहना है कि पहले हमको जमीन चिन्हित किया जाए। एक-एक बिस्वा जमीन ऊंचाई अस्थाई में पट्टा किया जाए। प्रधानमंत्री आवास दिया जाय जिससे हम लोग आवास बनाकर रह पाएं। हर साल बाढ़ आती है। 1978 में बाढ़ आई थी और लोगों के घर गिर गए थे और लोग बेघर हो गए थे। हर साल यही स्थिति रहती है मजबूरी बस खुद के झोपड़ी बना कर रहने के लिए मजबूर हैं।
ये भी देखें – Yamuna Floods: बाढ़ को मनोरंजन बना आपदा से लड़ रहे लोग पर सुरक्षा?
शशि भूषण पैलानी एसडीएम का कहना है कि चौपाल लगाकर लोगों को हर जागरूक किया जाता है। इस साल बाढ़ फिर से आने वाली है और लोगों को पहले से अपना स्थान छोड़ना पड़ेगा। उनके लिए जो व्यवस्था सरकार द्वारा आएगी तो जरूर दिया जाएगा।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’