उत्तर प्रदेश का बांदा जिला हर साल भीषण गर्मी की वजह से पानी की कमी से जूझता है। देश में जब भी कहीं पर पानी संकट की बात होती है, तो ‘बांदा’ का नाम ज़रूर से आता है। ऐसा ही कुछ हाल महुआ ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले पनगरा गांव का है जहां लोग बारह महीने पानी की दिक्कत झेलते हैं। वहीं गर्मी के दिनों में बूंद-बूंद पानी के लिए लाइन लगानी पड़ती है।
गांव की गिरजा कहती हैं कि उनके गांव में पानी की बहुत ज़्यादा दिक्कत है। गांव के अंदर खारा पानी निकलता है और पीने का पानी 1 किलोमीटर दूर पेट्रोल पंप से लाते हैं। निस्तार के लिए हरिजन बस्ती में सिर्फ एक हैंडपंप है। उसी से पूरा निस्तार होता है। दिन में दसो बार पानी भरना पड़ता है।
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ग्राम के प्रधान जगदीश का कहना है कि वर्तमान में पानी की दो टंकी गांव में बनी हुई है फिर भी ऊंचाई वाले स्थान तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है। गांव में लगभग 20 हजार की आबादी है। आधी आबादी को ही पानी मिल पाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे गांव में खारा पानी निकलता है और टंकी ऊंचाई पर बनी हुई है। गांव में पहाड़ी पत्थर पड़े होने के कारण हैंडपंप सफल नहीं हो पाते हैं नहीं तो वह हर मोहल्ले में हैंडपंप लगवा देते। यही वजह है कि लोग पानी के लिए परेशान होते हैं। गर्मी भर वह अपने ट्यूबवेल से दो टैंकर गांव में लगवाते हैं और लोगों को पानी पहुंचाते हैं। कई बार उन्होंने पानी की समस्या को लेकर डीएम और जल संस्थान से शिकायत की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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