बांदा जिले के नरैनी तहसील अंतर्गत आने वाले गुढ़ा ग्राम पंचायत के किसान नहर के रिसाव के कारण कई साल से परेशान हैं। कई बार उन्होंने लघु सिंचाई विभाग और सांसद विधायक से भी इस मामले की शिकायत की और गुढ़ा पंप कैनाल को पक्की बनवाने की मांग की जिससे रिसाव रुक सके लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
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गांव के किसानों का कहना है कि उनके यहां लगभग 90 परसेंट किसान हैं जो किसी के सहारे ही अपना भरण-पोषण करते हैं और परिवार चलाते हैं लेकिन नहर के रिसाव के कारण लगभग उनके यहां 500 बीघा खेती पूरी तरह से जलमग्न पड़ी हुई है। जिसके कारण दोनों बहाली की फसलें वह नहीं ले पाते जिससे उनका बहुत ज्यादा नुकसान होता है। कुछ खेतों में जहां पर कम पानी भरा हुआ है वहां पर वह लोग धान की खेती तो किसी तरह कर लेते हैं लेकिन बहुत से खेतों में इतना ज्यादा पानी भरा हुआ है कि ना तो वहां धान की खेती होती है और न ही गेहूं की दोनों बहाली की फसलें उनकी चली जाती हैं।
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अगर वह खेती जोतने बोने लायक होती तो हर साल लाखों रुपए की पैदावार करते। इसलिए वह चाहते हैं कि इस नहर के रिसाव बंद करने की जल्द से जल्द व्यवस्था कराई जाए जिससे उनके खेतों का पानी सूख सके और वह अपनी खेती कर सके। क्योंकि 12 महीने नहर चलती है और बराबर पानी का रिसाव होता है जिसके कारण हमेशा खेत तालाब जैसे भरे रहते हैं।
इस मामले को लेकर लघु सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता शरद चौहान का कहना है कि वह नहर 12 महीने चलती है शिकायतें आई हैं लोगों की रिसाव की लेकिन उसमें काफी बजट खर्च होना है इसलिए वह नहीं करा पाए फिलहाल पिछले ही साल सांसद ने ये मुद्दा उठाया था और कहा गया था तो बजट बनाकर भेजा गया है जैसे ही पैसा आता है लगभग 8 किलोमीटर नहर को पक्की करा दी जाएगी।
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