वर्षा और उसके बाद तेज धूप व उमस से लगातार संक्रामक बीमारियां बढ़ रहीं हैं। सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल इमरजेंसी वार्ड तक संक्रामक बीमारियों के मरीजों की लंबी लाइन लग रही है।
बांदा: उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेहाल करके रख दिया है। जिसके कारण बीमारी ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। वर्षा और उसके बाद तेज धूप व उमस से लगातार संक्रामक बीमारियां बढ़ रहीं हैं। सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल इमरजेंसी वार्ड तक संक्रामक बीमारियों के मरीजों की लंबी लाइन लग रही है।
बाँदा जिला के ब्लॉक नरैनी ब्लाक के कुलसारी गांव का ऐसा ही मामला सामने आया है। कुलसारी गांव के कमलेश यादव ने बताया कि उनके गांव में एक हफ्ते हो गए लगभग उल्टी और दस्त से लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं। आस-पास कहीं अस्पताल भी नहीं है या तो बघेलवरी दवा के लिए जाते हैं या फिर रामपुर। वह भी झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराते हैं जिससे लोगों का बहुत पैसा खर्च होता है। उनके घर में खुद में बच्चे और वह बीमार थे लेकिन किसी तरह इलाज करवा कर ठीक हुए हैं लेकिन अभी भी गांव में कई लोग बीमार हैं। उन्होंने नरैनी अधीक्षक को गांव में डायरिया फैलने की सूचना 18 जुलाई को फोन पर दी थी लेकिन विभाग से टीम नहीं आई थी।
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झोलाछाप डॉक्टरों की है बल्ले-बल्ले
20 वर्षीय रामसेवक का कहना है की वह हफ्ते भर से परेशान हैं। बीमारी के चलते मजदूरी न कर पाने से पेट चलाना मुश्किल पड़ रहा है। उनके घर में 2 लोग बीमार हैं कमाई कोई नहीं है। सूचना के बाद भी अभी तक कोई टीम गांव नहीं आई है ना ही उनके गांव में कभी दवा का छिड़काव हुआ है। बारिश में मच्छरों का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाता है। गांव में मीराबाई, निराशा देवी,अनुज और रामकली सहित लगभग 10 लोग बीमार हैं। वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनके गांव में डॉक्टरों की टीम आकर जांच करें और यह प्रकोप खत्म हो नहीं तो अगर यही स्थिति रही तो आगे खतरा हो सकता है।
नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा कराने आई कंपोटर पुरवा की रहने वाली मैकी बताती है कि वह एक हफ्ते से जुखाम बुखार से पीड़ित हैं। दवा ले लिया है कितना आराम होता है वह दो दिन बाद ही पता चलेगा। उनके गांव में भी कई लोग जुखाम-बुखार से परेशान हैं। लोग दवा कराकर थक चुके हैं। वह खुद 4 दिन से बीमार हैं खड़ी नहीं हो पाती हैं उन्हें चक्कर आता है। वह कहती हैं उन्हें खाना अच्छा नहीं लगता अंदरूनी बुखार है। जो गर्मी मई-जून में होनी चाहिए थी वह जुलाई में पड़ रही है। यही वजह है की यह मौसम लोगों के लिए बिमारियों का घर बना हुआ है।
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डॉक्टरों की टीम गांव में करेगी जांच
नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक बिपिन कुमार का कहना है कि उन्हें पहले से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली थी। गांव में टीम भेजकर जांच करवाई जाएगी और लोगों को दवा दी जाएगी। उमस भरे मौसम में यह बीमारियां आम हैं। हर दिन अस्पताल में 50 से अधिक मरीज आ रहे हैं। जहाँ सूचना मिल रही है उस गांव में दवा का छिड़काव कराया जायेगा।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गई है।
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