एक महीने से बिजली नहीं है, विभाग भी इसका समाधान नहीं कर रहा क्योंकि उनके अनुसार लोगों द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं किया गया है। ऐसे में भीषण गर्मी के बीच लोगों को डायरिया, टायफाइड जैसी बीमारियां हो रही हैं। यह खबर बाँदा जिले के ब्लॉक महुआ, ग्राम पंचायत मोतियारी की है।
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खबर लहरिया की रिपोर्टिंग के अनुसार, अनुसूचित जाति की बस्ती में लगभग 1 महीने से ट्रांसफार्मर खराब है। लोग इसकी शिकायत विभाग में भी कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। लोगों की मानें तो ट्रांसफार्मर बदलने के लिए लगभग 4 हज़ार रुपयों तक की मांग की जा रही है। कहा गया है कि बिल जमा करने के बाद ही लाइट आएगी।
जानकारी के अनुसार, गांव की आबादी लगभग 5 हज़ार है। जिसमें से 10 प्रतिशत लोगों ने बिल जमा कर दिए हैं। वहीं अनुसूचित जाति बस्ती के लोगों की बात की जाए तो 25 प्रतिशत लोगों ने अपना बिजली बिल जमा कर दिया है। कुछ ही ऐसे लोग हैं जिनके बिल बकाया है। लोगों ने कहा कि अभी कुछ काम भी नहीं चल रहा है। खेती-किसानी में ही लगे हैं। आधा-अधूरा पैसा है। वह थोड़ा-थोड़ा करके जमा कर देंगे लेकिन ट्रांसफार्मर बदला जाए। आगे आरोप लगाते हुए कहा की सिर्फ उनके मोहल्ले की लाइट नहीं है जबकि पूरे गांव में बिजली है और उन लोगों के भी बिल जमा नहीं हैं। वह बड़े लोग है इसलिए विभाग उनकी बिजली नहीं काटता। अगर कुछ कमी होती है तो तुरंत सुधार दी जाती है। उनका मोहल्ला अनुसूचित जाति का है इसलिए अधिकारी उनके यहां ध्यान नहीं दे रहे। मोहल्ले के ट्रांसफॉर्मर से लगभग 50 लोगों के कनेक्शन हैं और वह सब अनुसूचित जाति के लोग हैं।
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नरैनी बिजली पावर हाउस के जेई निर्मल कुशवाहा का कहना है कि लोगों की शिकायत आई है। वहां के बहुत से लोगों का बिल जमा नहीं था इसलिए ट्रांसफार्मर नहीं बदला या जा रहा था। अब कुछ लोगों का बिल जमा हो गया है तो ट्रांसफार्मर के लिए अप्लाई किया गया है।
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