खबर लहरिया Blog बांदा : आईटीआई करे छात्र ने लगाई फांसी, वजह का खुलासा नहीं

बांदा : आईटीआई करे छात्र ने लगाई फांसी, वजह का खुलासा नहीं

बांदा शहर कोतवाली के अंतर्गत आने वाले अवंती नगर मोहल्ले के आईटीआई करे 24 वर्षीय एक छात्र अजय कुमार ने 22 सितंबर को फांसी लगा ली। छात्र द्वारा इतना बड़ा कदम क्यों उठाया गया, इस बात का पता नहीं चल पाया है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

                                                                                               मृतक अजय का घर

मृतक के पिता राम बाबू खबर लहरिया को बताते हैं कि वह ट्रक ड्राइवर हैं। उनके चार बच्चे हैं। अजय सबसे बड़ा बेटा था। वह आईटीआई में इलेक्ट्रीशियन ट्रेड प्रशिक्षार्थी इस साल फाइनल कर चुका था जिससे उनको भी बहुत खुशी थी। वह कहते कि बड़ी मसक्कत के बाद उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया है।

आगे बताया कि उनका बेटा ईदगाह रोड स्थित एक प्लाई की दुकान में काम करता था। 21 सितंबर को निमंत्रण कर के घर आया था। घर में बरामदे के पास बैठकर परिवार के साथ बातचीत भी करता रहा। उसे देखकर नहीं लग रहा था कि वह किसी टेंशन में हैं और ना ही उसने कभी कोई परेशानी बताई। इसके बाद वह अपने कमरे में चला गया, क्योंकि उसका कमरा अलग था और उसमें कोई नहीं जाता था।

परिवार के भी सभी लोग सोने चले गये। रात में तकरीबन 1 बजे छोटा बेटा बाथरूम के लिए जगा तो उसने देखा कि अजय के कमरे का पंखा बंद है, क्योंकि घर में दरवाजे वगैरह नहीं लगे हैं। कमरों में तो पर्दे लगे रहते हैं। उसने पर्दा खोल के देखा कि उसके कमरे का पंखा क्यों बंद है तो अजय साड़ी के फंदे से पंखे में लटका हुआ था। यह देख छोटे बेटा ज़ोर से चिल्लाया और उन्हें जगाया। तुरंत उसको फांसी से उतार कर जिला अस्पताल ले गए क्योंकि उसकी बॉडी गर्म थी। लेकिन वहां से डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। फिर वह उसे घर लाए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर आई और पंचनामा भरके पोस्टमार्टम के लिए पीएम हाउस भेज दिया।

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मरने से पहले फोन पर की थी बातचीत

पिता ने यह भी बताया कि उसका किसी से कोई लड़ाई झगड़ा भी नहीं हुआ था। जहां पर काम करता था वह दुकान मालिक भी बहुत अच्छा है। वहां से भी कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन पता नहीं क्यों उसने इस तरह किया। इस बात को लेकर उनके मन में भी सवाल उठ रहे हैं।

मृतक के छोटे भाई अनिल ने बताया कि अजय ने रात में किसी से फोन पर बात की थी। अब यह पता नहीं कि किससे उसने बात की थी और क्या बात की थी।लेकिन फोन में जगह-जगह पैटर्न लगे हुए इसलिए अब वह खुल नहीं रहा। वह पुलिस को फोन देंगे, और वो चाहते हैं कि जिससे भी उनके भाई ने बात की हो इसका पता चले। अगर कुछ गलत बात हुई है तो उसके ऊपर कार्यवाही हो ताकि उन्हें न्याय मिल सके। पिता का कहना था कि अभी पुलिस को फोन नहीं दिया गया है। उसमें इतने सारे लॉक लगे हैं। वह कंप्यूटर से हो सकता है खुल जाये।

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मोबाइल के ज़रिये की जायेगी जांच – कोतवाल प्रभारी

बांदा नगर कोतवाल प्रभारी निरीक्षक श्यामबाबू शुक्ला ने खबर लहरिया को बताया कि सूचना मिलने पर वह मौके पर वहां गए थे। पंचनामा भर के पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया था। अब उसके मोबाइल के जरिए जांच की जायेगी।

इस खबर की रिपोर्टिंग व लेखन गीता देवी द्वारा किया गया है। 

 

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