दहेज प्रथा के विरोध में 1961 में कानून भले ही बनाया गया हो लेकिन इतने सालों बाद भी दहेज उत्पीड़न कम नहीं हुआ। दहेज़ की मांग करने वालो पर धारा 498 ए के तहत लगभग छः महीने की सज़ा हो सकती है। साथ ही कोर्ट द्वारा तय जुर्माना की रकम भी भरनी होगी। इतना कुछ होने के बाद भी न दहेज़ लेना बंद हो रहा है न दहेज देना। दहेज प्रथा बंद होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। आये दिन हमारे देश मे दजर्नो बेटियां दहेज की आग में जलाई जा रही हैं, मारी जा रही हैं। दहेज की मांग पूरी न होने पर घर से निकली जा रही हैं।
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दहेज की मांग को लेकर बांदा जिले में एक मामला सामने आया है। बाइक और दो लाख रूपये की मांग पूरी न होने पर पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया। पूरा मामला है उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के थाना चिल्ला के अंतर्गत गुगौली गांव का। यहां की रहने वाली शाहीन का आरोप है कि उसकी शादी 9 महीने पहले गांव के ही सहरूद्दीन से हुई थी। शादी के कुछ दिनो बाद ही सहरूद्दीन मेरे साथ मारपीट करने लगा। उनका आरोप है कि परिवार वालो से मिलने नहीं देता। मेरे सामने शर्त रखी कि अगर मैं अपने परिवार वालों से मिलूंगी तो उससे मतलब न रखूं, वो मुझे घर से निकाल देगा।
शाहीन ने ये भी बताया की ये शादी मेरी और सहरूद्दीन की मर्जी से हुई थी। हम दोनो के परिवार की मर्जी नहीं थी लेकिन हम दोनो की मर्जी के आगे दोनो परिवार को राज़ी होना पड़ा। मेरे घर वालो ने खूब धूमधाम से हमारी शादी की, पूरी रीति रिवाज से और पूरा दहेज दिया फिर भी ससुराल वाले खुश नहीं थे। आये दिन दहेज की मांग करते। 16 अगस्त को सब घर वालों ने मुझे बहुत मारा और घर से बाहर निकाल दिया। मै प्रेग्नेंट भी हूँ पूरा टाइम चल रहा है। कभी भी डिलीवरी हो सकती है।
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ऐसे में न मुझे खाने को ढंग से देते, न मेरा ध्यान रखते, मारते ऊपर से हैं। पहले भी चिल्ला थाने में शिकायत की थी जिसमें कुछ लोग और थाने की पुलिस ने समझौता कराकर घर भेज दिया। सहरूद्दीन को एक रात हवालात मे रखने के बाद छोड़ दिया। इसलिए 16 की मारपीट की शिकायत मैनें 18 अगस्त को एसपी से की जिसमें एसपी के आदेश के बाद रिपोर्ट लिखी गई।
वहीं शाहीन के पति और ससुराल वालों का कहना है हमने कोई मांग नहीं की, वो झूठ बोल रही है। न किसी ने मारा है। पति सहरूद्दीन का कहना है, मैं रखने को तैयार हूं वो घर वालो की बातों में आकर रिपोर्ट लिखवाई है।
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