उत्तर प्रदेश बांदा जिला के बड़ोखर ब्लॉक के छनेहरा गांव में आयोजन किया गया है। जिसमें सभी माता बहन हो बुलाया गया है और उनको जागरूकता किया गया शिक्षा के बारे में जैसे गरीब की बेटी है। वह शिक्षा के बारे में उसको नहीं जानकर हैं कि शिक्षा क्या होता है इसलिए बांदा बंनागना द्वारा जबरदस्त जागरूकता मीटिंग रखी गई। छनेहरा के प्राथमिक विद्यालय स्कूल में वहीं पर सभी गांव की महिला अनपढ़ बेटियां इकट्ठा हुई उनको शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई और उनके माता-पिता के घर में जाकर उनको जागरूकता करते हैं।
लड़की पढ़ाई और आगे बढ़ाइए जिसमें लड़की पढ़ी लिखी होगी वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकती है लड़के या लड़की हो कहीं भी जाना है तो पढ़ लिख कर आगे बढ़ सकता है। अनपढ़ होगा वह एक दूसरे से सहारा लेता रहेगा और पूछता रहेगा या कौन से गांव हैं। मुझे गांव जाना है कहां से जाएं अगर वह पड़ा हो तो उसको पूछने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए बंधना गना द्वारा गांव में एक संगठन बनाया गया है। और वहां पर लड़कियों को बुलाकर उनकी पढ़ाई कराती हैं उनको आगे पढ़ने के बारे में जागरूकता करते हैं और यह निशुल्क पढ़ाई है। गरीब की बेटी या किसी की बेटी बंनागना स्नथा में पढ़ा लिखा सकते हैं इसलिए गरीब दलित जाति की लड़कियां जो पढ़ नहीं पाते हैं।
अनपढ़ रहते हैं उनके लिए संगठन करके उनको घर घर जाकर जागरूकता शिक्षा के बारे में दिया जाता है पढ़ लिखकर लड़कियां आगे बढ़ सकते हैं पढ़ने से बहुत ज्यादा फायदा भी है। पढ़ लिख कर क्या करेंगे मां-बाप सोचते रहते हैं पढ़ने से कुछ भी लड़की कर सकती है। अपने पैरों खड़ी हो सकती है या कहीं उनको जाना है तो उस बोर्ड को पढ़कर आगे बढ़ सकते हैं जो अनपढ़ रहते हैं वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं एक दूसरे के सहारे बैठी रहती है। और उनसे पूछती रहती है पर लोग सहयोग रहे देते हैं सही रूप से इसलिए संस्था द्वारा निशुल्क पढ़ाई कराई जा रही है 6 महीने में पूरी पढ़ाई तैयार हो जाती है बहुत काफी अनपढ़ लड़कियां महिला को समझ में आ जाता है अगर उनको साइन करना नहीं आता था तो सेंन भी कर लेती है। लोगों के जिंदगी में प्रभाव पड़ता है अगर अनपढ़ हैं। उनके जिंदगी में प्रभाव पड़ता है। पड़े से बहुत आगे बढ़ जाते हैं
इस मामले में छनेहरा का हेड मास्टर महेंद्र राजपूत का कहना है कि जो यहां पर बंनागना द्वारा जबरदस्त मीटिंग की गई है। जिसमें लोगों को शिक्षा के बारे में बताया गया है जो लोक शिक्षा पा सके अनपढ़ लोग हैं। अपना नाम नहीं लिख सकते अपने परिवार के सदस्य का नाम लिखने नही जनते हैं। छह महीना पढ़ा कर आगे बढ़ाएंगे इससे लोग बहुत खुश हैं और अपने बच्चों को पढ़ाना भी चाहते हैं कि 6 महीने में काफी बच्चों को जानकारी भी हो जाती है और जो अनपढ़ है अब लोगों अनपढ़ नहीं रहना चाहता है।