फिलहाल ज़िले में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने अन्ना जानवरों के लिए काफी परेशानी खड़ी कर दी है। 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों का तो जीना मुहाल किया है, लेकिन जानवरों को भी इस बीच काफी परेशानियां हुईं।
सरकार गोवंश रक्षा के नाम पर सालाना लाखों करोड़ों का बजट बनाती है और इस रकम को गौशालाओं में सुधार करने के लिए खर्च भी किया जाता है। उनकी व्यवस्था ठीक हो सके, गौशालाओं में पशुओं को रखा जा सके और उनकी देखरेख की जा सके, इसकी ज़िम्मेदारी भी सरकार ने कुछ विभागों को दे दी है । लेकिन अकसर यह देखने को मिलता है कि गोवंश या तो सड़कों पर घूम रहे होते हैं या फिर गौशाला में भूख-प्यास से तड़प रहे होते हैं।
फिलहाल ज़िले में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने अन्ना जानवरों के लिए काफी परेशानी खड़ी कर दी है। 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों का तो जीना मुहाल किया है, लेकिन जानवरों को भी इस बीच काफी परेशानियां हुईं। लोग तो फिर भी घरों के अंदर दुबके बैठे हैं, आग ताप रहे हैं। लेकिन गौशालाओं की स्थिति बद से बदतर हो गई है, गौशालाओं में न तो गोवंश के छिपने के लिए व्यवस्था है और न ही खाने के लिए चारा है। पिछले कुछ दिनों में कई क्षेत्रों से अन्ना जानवरों की ठंड या बारिश में भीगने के कारण मौत की खबरें भी सामने आई हैं।
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अनशन के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई-
विभाग की तरफ से किसी ने गौशालाओं की सुध भी नहीं ली। इससे पहले भी इस तरह की स्थितियां गोवंश को लेकर हुई हैं जिसके बाद लोगों ने हंगामा भी खड़ा किया है, धरने प्रदर्शन किए हैं,लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, ऊपर से जो लोग गोवंश को लेकर आवाज उठाते हैं उनके ऊपर ही कार्यवाही हो जाती है।
बता दें कि बबेरू में पिछले कई दिनों से एक धरना चल रहा है जिसका नेतृत्व समाज सेवी पीसी पटेल कर रहे हैं, उनका आरोप है कि उन्होंने कुछ समय पहले गोवंश के भूख प्यास से तड़पने और गौशालाओं की अव्यवस्था को लेकर के डीएम को दरख्वास्त दी थी। डीएम ने गौशालाओं का निरीक्षण किया और कमी पाए जाने पर जांच के निर्देश दिए जिससे आक्रोशित वहां के सचिव ने उनके ऊपर मुकदमा कर दिया है। उसी मुकदमे को वापस लेने और सचिव के ऊपर कार्यवाही की मांग करने को लेकर के वह अनशन पर बैठे हैं। यहाँ कई और किसान भी अन्ना जानवरों के साथ हो रही बदसुलूकी को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
पानी में तैरती पशुओं की लाशों का वीडियो हुआ वायरल-
अभी हाल ही में नरैनी ब्लाक के पौहार गाँव का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जहाँ पर गौशाला में मरे जानवर पानी में तैर रहे हैं, भूख प्यास से तड़प कर उनकी मौत हो रही है। ये कोई नई बात नहीं है ज्यादातर गौशालाओं में फिलहाल ऐसी ही स्थिति बनी हुई है और यह बहुत ही दुखद घटना है क्योंकि वह बेजुबान जानवर अपना दुखड़ा रोने भी कहीं नहीं जा सकते हैं।
ये जानवर अगर बाहर खुले में घूमते हैं तो किसानों की फसलें चट कर जाते हैं और अगर गौशालाओं में बंद रहते हैं तो वहां भूख प्यास से तड़प कर मर रहे हैं, जबकि गौशालाओं में खाने पीने के लिए सरकार की तरफ से तो पैसा आता है, लेकिन उस पैसे का सही से प्रयोग नहीं किया जाता।
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गौशालाओं की स्थिति सुधार की मांग और मुकदमा वापस लेने को लेकर अनशन-
बाँदा जनपद के ग्राम कैरी के निलंबित ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा जनसेवक पीसी पटेल के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने से क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। अनशन के पांचवे दिन विश्व हिंदू महासंघ गौरक्षा समिति व कई संगठन भी धरने में शामिल हो गए हैं और आरपार की लड़ाई की हुंकार भरी है।
बबेरु कस्बे के मुख्य चौराहे में जारी अनशन के पांचवे दिन विश्व हिंदू महासंघ गौरक्षा प्रकोष्ठ तहसील प्रभारी रामनेवाज यादव एवं तहसील अध्यक्ष योगेंद्र सिंह की अगुवाई में दर्जनों पदाधिकारी धरने पर बैठ गए। विश्व हिंदू महासंघ के जिला संयोजक अवधेश कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कैरी गांव की गौशाला में रोजाना भूख प्यास एवं ठंड से गौवंश मर रहा था। पीसी पटेल ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया, तो जिलाधिकारी ने 2 जनवरी को निरीक्षण किया और गौशाला में आधा दर्जन से ज्यादा तड़पते गौवंश को पुवाल में छिपाया गया था। यह नज़ारा देख जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया।
निलंबित सचिव ने दो दिन बाद खुन्नस में आकर पीसी पटेल के ऊपर सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया है, जो कि सरासर गलत है। बुंदेलखंड किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रहलाद करवरिया ने अपनी टीम के साथ धरना स्थल पर पहुंच कर दर्ज फर्जी मुकदमे की वापसी की मांग को लेकर समर्थन किया।
उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर दर्ज फर्जी मुक़दमे को वापस लेने की भी मांग की गई है। इसके बाद बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र पटेल ने भी अनशन स्थल पर पहुंचकर समाजसेवी पीसी पटेल का समर्थन किया है। और कहा है कि पीसी पटेल के ऊपर दर्ज मुकदमा जब तक समाप्त नही किया जाता, तब तक क्षेत्रवासियों का सहयोग लेकर विश्व हिंदू महासंघ ग़ौरक्षा प्रकोष्ठ आखिरी दम तक लड़ाई लड़ने को तैयार है। इस दौरान विश्व हिंदू महासंघ के जिला मंत्री अमन कुमार साहू, दीपक सिंह गौर, ब्लॉक अध्यक्ष लखन बाबू गुप्ता, रामपाल यादव, रोशन सहित धरने में बैठे लोगों ने जमकर नारेबाजी करते हुए पीसी पटेल के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमा समाप्त करने की मांग की है।
महुआ ब्लॉक की मनीपुर गोशाला में भी हुई पशुओं की मौत और अव्यवस्था-
इसी तरह डीएम के निर्देश पर मनीपुर और बड़ोखर खुर्द में बनी गौशाला की जांच के लिए एसडीएम व बीडीओ को जब भेजा गया तो वहां 7 पशुओं के शव मिले। इस पर डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। नरैनी एसडीएम रवींद्र कुमार और बीडीओ संजीव कुमार बघेल सहित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डा.एसपी सिंह मनीपुर गोशाला पहुंचे और मौके की जांच की। कर्मचारी सचिन ने बताया कि पशुओं को फेंकने के लिए संचालक विमलेश त्रिपाठी ने कहा था। एसडीएम ने रजिस्टर चेक किया तो नवंबर व दिसंबर में गायों की कोई संख्या ही नहीं दर्ज थी। एसडीएम ने कहा है कि गोशाला संचालक विमलेश त्रिपाठी के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी।
ज़िले में गौशालाओं का बुरा हाल प्रशासन की पोल खोल रहा है। कागज़ पर तो हर तरह के इंतज़ाम दिखा दिए जाते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयान कर रही है।पौहार गाँव की भी गौशाला का बुरा हाल है। वहां पर जानवर भूख से तड़प कर और सर्दी के कारण मर रहे हैं। खुले आसमान के नीचे इतनी भारी बारिश में ठंड से कपकपा रहे जानवरों को देखते नहीं बन रहा था। यहाँ मरे हुए जानवर पानी में तैर रहे थे। लोगों ने बताया कि शासन की तरफ से खाने के लिए व्यवस्था तो आती है लेकिन जिन लोगों को इस चारे को गौशाला तक पहुंचाना होता है वो ये पहुंचाते ही नहीं हैं।
4 दिन से बारिश के कारण जानवर गौशाला में कैदी की तरह बंद थे और भूख से तड़प रहे थे। भारी बारिश के कारण लोग भी बाहर निकल कर इन्हें चारा भी नहीं दे पा रहे थे, ऐसे में कई जानवरों ने दम तोड़ दिया। सरकार ने अपनी तरफ से व्यवस्था में तो कोई कमी नहीं छोड़ी है लेकिन उसका सुचारू रूप से संचालन नहीं हो पाता और इसका नतीजा भुगतना पड़ता है इन बेज़ुबान जानवरों को।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।
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