बांदा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 मई को बांदा का दौरा किया। इस कार्यक्रम के दौरान लाव लश्कर के साथ जिला मुख्यालय से सटे गांव बड़ोखर खुर्द गांव निरीक्षण के नाम पर गए जरूर लेकिन लोगों से रूबरू नहीं हुए।
लोगों के अनुसार लगभग एक सैकड़ा चार पहिया वाहन से पहुंचे मुख्यमंत्री सिर्फ 5 से 10 मिनट रुके होंगे। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया था। पुलिस फोर्स की बाढ़ जैसे आ गई थी। लोग योगी को देखने के लिए आये लेकिन उनको दूर ही रोक दिया गया। लोगों को भगाने के लिए पुलिस डंडे चलाती रही। कैमरे के सामने रूबरू हुए यूथ, महिलाएं और पुरुष ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से मिलना चाह रहे थे। उनसे अपने गांव की समस्याओं के बारे में बताना चाह रहे थे। अगर उनको मौका मिलता तो वह अपने गांव की समस्याओं के बारे में बताते। अगर उनके गांव तक मुख्यमंत्री आए थे तो उनको लोगों की भी सुनना चाहिए था।
पूर्व प्रधान गणेश प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि मुख्यमंत्री गांव में कोविड के टीकाकरण, कोविड की जांच व्यवस्था देखने के लिए आये थे। उनसे गांव की समस्याओं से रूबरू करने के लिए गांव के ही ग्राम पंचायत और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई थी। उस टीम से ही गांव की सारी जानकारी उनके तक पहुंचे गए। अंत में उन्होंने भी कह ही दिया कि अगर उनको योगी से बात करने का मौका मिलता तो अपने गांव के करीब आठ सौ मजदूरों की बेरोजगारी का मुद्दा उठाते और काम की मांग करते।
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