उत्तर प्रदेश के बांदा जिला क्षेत्र के हर गांव में देवी की पूजा परम्परा के हिसाब से धूमधाम से मनाई जाती है। आज भी उसी तरह से लोग मनाते हैं।
आज मान्यता है कि सभी लोग खाना बाहर बना कर खाएं, घर में चूल्हा ना जले। यह परंपरा सालों से चली आयी है। इसे आज भी बुजुर्ग लोग मानते है। लेकिन शहरों में कोई नहीं मानता। देहातों के गांव में लोग बाहर से कन्ना लेकर आग बनाते हैं और फिर अंकरी बनाकर सभी परिवार खाते हैं। प्रतिदिन लोग तो घर में ही खाना बनाकर खाते हैं। एक साल में ही लोग खाना बाहर बनाकर खाते हैं तो वह खाना भी बहुत स्वादिष्ट होता है।
लोग अच्छे से आम पकाते हैं। इसे कोई शक्कर में खाता है तो कोई गुड़ में घोलकर। जिसे पना कहते है सबका अलग खाने का स्वाद होता है। लोगों की मान्यता है कि देवी की पूजा करने से कोई बीमारी नहीं होती। जिस दिन देवी की पूजा हो जाती है फिर उन्हें धूमधाम से विदा किया जाता है।
वैसे तो बुंदेलखंड में कई तरह की चीजें मशहूर हैं, लेकिन यहाँ के लोग अलग-अलग तरह के पकवान खाने और बनाने के लिए भी देशभर में मशहूर हैं। अंकरी बनाना और खाना भी बुंदेलखंड की कुछ पुरानी और मज़ेदार परम्पराओं में से एक है। यहाँ पर आज भी बुजुर्ग लोग जून-जुलाई के महीने में कन्ना लेकर आग बनाते हैं और फिर अंकरी बनाकर पूरा परिवार एक साथ बैठ कर खाता है।
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