जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव जरैला। 12 मार्च की शाम करीब साढ़े छह बजे इस गांव में बिजली न होने की समस्या को खबर लहरिया की प्रबन्ध संपादक मीरा देवी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया। चौबिस घण्टे के अंदर विद्युत आपूर्ति विभाग ने कार्यवाही कर दी है। यह कार्यवाही इस बार ट्वीट की वजह से जल्दी हो पाई क्योंकि निवासियों से पता चला कि विद्युत आपूर्ति विभाग की खराब व्यवस्था के चलते यह गांव अक्सर अंधेरे में डूबा रहता है। अगर विभाग यहां पर स्थायी समाधान निकाले तो यह समस्या रोज रोज न बनी रहे।
@dvvnlbanda कृपया शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही करें। @dvvnlhq #upe120322
— UPPCL (@UPPCLLKO) March 12, 2022
यहां के निवासी लालाराम ने ही 12 मार्च को शाम के फोन करके बताया कि उनका गांव आज अंधेरे में डूबा है। कल 11 मार्च से बिजली गांव में नहीं है। कई बार विद्युत आपूर्ति विभाग को फोन करके सूचना देते हुए कार्यवाही की मांग की गई लेकिन कार्यवाही नहीं हो रही है।
जंगल के बीच बीच बसे इस गांव की कई महिलाओं और पुरुषों ने बताया कि बिजली के तार बहुत पुराने हो चुके हैं। ठण्डी के मौसम में अगर बिजली खराब भी हो जाये तो उतना फर्क उन्हें भी नहीं पड़ता। सोचते हैं कि कौन रोज-रोज विभाग के चक्कर काटे। विभाग वाले भी परेशान हो जाते हैं लेकिन अगर यह समस्या गर्मियों में आती है तो समस्याएं दोगुना बढ़ जाती है।
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पीने, नहाने, जानवरों और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है और यह सारे काम बिना बिजली के नहीं हो पाते। कभी कभी तो कई दिन बीत जाते हैं बिजली ही नहीं आती। फोन भी चार्ज नहीं हो पाते। हम विभागों को भी संपर्क नहीं कर पाते। कई बार उनको चंदा करके और पैसे जुगाड़ कर बिजली बनवाते हैं। गांव में करीब पैतालीस से चालीस कनेक्शन हैं। सबको इन समस्याओं का सामना अक्सर करना पड़ता है जबकि गांव से लगभग 20 किलोमीटर दूर बदौसा कस्बे के पास में ही विद्युत आपूर्ति स्टेशन भी है फिर भी समय रहते कार्यवाही नहीं होती।
प्राइवेट स्तर पर काम करने वाला लाइनमैन बताता है कि बिजली के तार बहुत पुराने और जर्जर हो चुके हैं इसलिए गांव में बिजली न होने की समस्या आय दिन बनी रहती है। जब तक तार न बदलेंगे तब तक यह समस्या बनी रहेगी। ट्रांसफार्मर की क्षमता कनेक्शन के हिसाब से पर्याप्त है। उनको विभाग से काम का पैसा मिलता नहीं है तो गांव वालों से चंदा में इकट्ठे हुए पैसे वह ले लेते हैं।
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